Airplane टेक ऑफ से पहले मोबाइल को फ्लाइट मोड में क्यों किया जाता है? पायलट ने बताया असली कारण

Airplane टेक ऑफ से पहले मोबाइल को फ्लाइट मोड में क्यों किया जाता है? पायलट ने बताया असली कारण
Last Updated: 13 दिसंबर 2024

एयरलाइन यात्रा के दौरान फ्लाइट अटेंडेंट हमेशा यात्रियों से अपने मोबाइल फोन को बंद करने या फ्लाइट मोड पर सेट करने के लिए कहते हैं, खासकर जब विमान टेक ऑफ करता है। अब इस बारे में एक पायलट ने सोशल मीडिया पर अहम जानकारी दी है। पायलट ने बताया कि यह कदम विमान के संचार और नेविगेशन सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया जाता है। मोबाइल फोन से निकलने वाले सिग्नल विमान के सिस्टम के साथ हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिससे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है।

 Mobile Flight Mode

प्लेन में यात्रा के दौरान एयर होस्टेस या फ्लाइट अटेंडेंट्स हमें फ्लाइट टेक ऑफ से पहले मोबाइल फोन को बंद करने या फ्लाइट मोड पर रखने के लिए कहते हैं। हालांकि, यह कदम अधिकांश यात्रियों को सामान्य लगता है, लेकिन कई लोग यह नहीं जानते कि ऐसा क्यों किया जाता है। अब, इस सवाल का जवाब एक पायलट ने सोशल मीडिया पर दिया है। पायलट, जो @perchpoint के नाम से प्रसिद्ध हैं, ने अपने वीडियो में इस बात की जानकारी दी कि क्यों फ्लाइट टेक ऑफ के दौरान मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड पर डालना जरूरी होता है। पायलट के अनुसार, मोबाइल फोन से निकलने वाले सिग्नल विमान के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिससे विमान के संचार और नेविगेशन प्रणाली में गड़बड़ी हो सकती है। यही कारण है कि यात्रियों से यह कदम उठाने के लिए कहा जाता है।

क्या है फ्लाइट मोड?

विमान यात्रा के दौरान मोबाइल फोन में फ्लाइट मोड का इस्तेमाल किया जाता है, जो एक अहम फीचर है। जब फ्लाइट मोड एक्टिवेट किया जाता है, तो यह फोन को सभी नेटवर्क्स से डिसकनेक्ट कर देता है, जिससे आप कॉल्स या मैसेज भेजने या प्राप्त करने में सक्षम नहीं होते। यह फीचर विशेष रूप से विमान में यात्रा करते समय उपयोग किया जाता है, जब फोन के नेटवर्क से जुड़ने की आवश्यकता नहीं होती, ताकि विमान के सिस्टम पर किसी भी तरह का प्रभाव पड़े।

पायलट ने बताई मोबाइल को फ्लाइट मोड में रखने की असली वजह

पायलट ने फ्लाइट मोड के महत्व को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उनका कहना है कि फ्लाइट मोड में फोन नहीं डालने से विमान के गिरने या ऑनबोर्ड सिस्टम में खराबी आने की संभावना नहीं होती। हालांकि, इससे पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच रेडियो संचार में व्यवधान सकता है।

पायलट ने यह भी बताया कि अगर विमान में 100 से 150 यात्री सवार हों, तो कुछ फोन टॉवर्स से कनेक्ट होने की कोशिश कर सकते हैं, जिससे स्मार्टफोन की रेडियो तरंगें पायलट के हेडसेट की तरंगों को प्रभावित कर सकती हैं। यही कारण है कि टेक ऑफ से पहले यात्रियों को अपने फोन को फ्लाइट मोड में डालने के लिए कहा जाता है।

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