GIFT Nifty में 121 अंकों की बढ़त, भारतीय बाजार में बढ़त की संभावना। वैश्विक संकेत मिलेजुले, अमेरिकी और एशियाई बाजारों में हल्की तेजी देखी गई।
Stock Market: इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की चाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप द्वारा लगाए जाने वाले रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) को लेकर प्रभावित हो सकती है। ट्रंप की यह टैरिफ डेडलाइन 2 अप्रैल 2025 को खत्म हो रही है, जिससे निवेशकों में सतर्कता बनी हुई है। इसके अलावा, अमेरिका में बॉन्ड यील्ड्स की चाल, विदेशी फंड्स की आवक और प्रमुख आर्थिक आंकड़े भी शेयर बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे।
भारतीय बाजार की शुरुआती चाल
भारतीय शेयर बाजार आज यानी सोमवार को तेजी के साथ खुलने की संभावना है, हालांकि ग्लोबल संकेत मिले-जुले नजर आ रहे हैं। सुबह 7 बजे तक GIFT Nifty Futures में 121 अंकों की बढ़त देखी गई और यह 23,501 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था।
पिछले हफ्ते का बाजार प्रदर्शन
पिछले शुक्रवार को भारतीय बाजार लगातार पांचवें दिन मजबूती के साथ बंद हुआ। 7 फरवरी 2021 के बाद यह शेयर बाजार की सबसे बड़ी साप्ताहिक तेजी रही।
BSE Sensex: 557 अंकों की बढ़त के साथ 76,906 पर बंद हुआ।
NSE Nifty50: 160 अंकों की तेजी के साथ 23,350 के स्तर पर बंद हुआ।
साप्ताहिक बढ़त: Sensex ने पूरे सप्ताह में 3,077 अंकों (4.17%) की छलांग लगाई, जबकि Nifty में 953 अंकों (4.26%) की तेजी दर्ज की गई।
एशियाई बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में सोमवार को मिलाजुला रुख देखने को मिला:
ऑस्ट्रेलिया: S&P/ASX 200 शुरुआती कारोबार में 0.37% गिरा, लेकिन बाद में नुकसान की भरपाई कर सिर्फ 0.037% की गिरावट पर बंद हुआ।
जापान: निक्केई 225 इंडेक्स में 0.23% की तेजी आई।
दक्षिण कोरिया: कोस्पी 0.11% बढ़ा, कोरियाई प्रधानमंत्री हान डक-सू के खिलाफ महाभियोग को संवैधानिक अदालत द्वारा खारिज करने के बाद बाजार में सकारात्मकता देखी गई।
हॉन्गकॉन्ग: हैंगसेंग इंडेक्स 0.12% की हल्की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।
अमेरिकी बाजारों में मिला-जुला प्रदर्शन
पिछले शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में मामूली बढ़त देखी गई:
- S&P 500: 0.08% चढ़ा।
- नैस्डैक कंपोजिट: 0.52% ऊपर गया।
- डाओ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज: 0.08% की बढ़त दर्ज की गई।
बाजार पर क्या रहेगा असर?
1. अमेरिकी टैरिफ नीति: ट्रंप द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निवेशक सतर्क हैं।
2. विदेशी फंड्स की प्रवृत्ति: विदेशी निवेशकों की खरीदारी या बिकवाली से बाजार की दिशा तय होगी।
3. बॉन्ड यील्ड्स: अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स की बढ़ती या घटती दरों का असर बाजार पर देखने को मिलेगा।
4. वैश्विक आर्थिक आंकड़े: प्रमुख वैश्विक और घरेलू आर्थिक आंकड़े भी बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं।