क्या आप को पता है, भारत में सबसे ज्यादा बारिश कहा होती है?

क्या आप को पता है, भारत में सबसे ज्यादा बारिश कहा होती है?
Last Updated: 15 घंटा पहले

चेरापूंजी: दुनिया का सबसे गीला स्थान

चेरापूंजी, मेघालय, को विश्व का सबसे गीला स्थान माना जाता है। यहाँ साल भर बारिश होती है, जो इसे पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव बनाता है।

वर्षा की मात्रा: चेरापूंजी में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 467.4 इंच (1,165.1 सेमी) होती है। विशेष रूप से मानसून के दौरान, जून से सितंबर तक, यहाँ की वर्षा बेहद भारी होती है। 1861 में रिकॉर्ड की गई एक वार्षिक वर्षा 1,043 इंच (26,471 मिमी) थी, जो इसे एक अद्वितीय रिकॉर्ड बनाती है।

भौगोलिक स्थिति: चेरापूंजी, भारतीय हिमालय की पहाड़ियों में स्थित है, और इसकी ऊँचाई समुद्र तल से लगभग 1,400 मीटर (4,593 फीट) है। यहाँ की पहाड़ियों और नदियाँ वायुमंडलीय नमी को आकर्षित करती हैं, जो अत्यधिक वर्षा का कारण बनती हैं।

जैव विविधता: इस क्षेत्र की उच्च वर्षा जैव विविधता को बढ़ावा देती है। चेरापूंजी में अद्वितीय वनस्पतियाँ जैसे कि मेघालय के प्रसिद्ध "लिविंग रूट पुल" पाए जाते हैं। ये पुल स्थानीय रबर के पेड़ों की जड़ों से बने होते हैं और एक अद्भुत प्राकृतिक संरचना को दर्शाते हैं।

संस्कृति और जनजातियाँ: यहाँ के निवासी मुख्य रूप से खासी जनजाति के हैं। उनकी संस्कृति में संगीत, नृत्य और त्योहारों का महत्वपूर्ण स्थान है। "खासी" भाषा और संस्कृति यहाँ के लोगों की पहचान को दर्शाती है।

प्राकृतिक आकर्षण: चेरापूंजी में कई जलप्रपात हैं, जैसे नोहकालिकाई जलप्रपात, जो 340 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। इसके अलावा, "डब्ल्यूखर" और "मबोह" जलप्रपात भी बेहद सुंदर हैं। यहाँ की गुफाएँ, जैसे कि "मानपुर गुफा," भी खोज और साहसिकता के लिए प्रसिद्ध हैं।

जलवायु: चेरापूंजी की जलवायु मानसून प्रभावित है, जिससे गर्मियों में अधिकतम तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस और सर्दियों में 10-15 डिग्री सेल्सियस रहता है। यहाँ की ताज़गी भरी हवा और हरियाली पर्यटकों को आकर्षित करती है।

सड़क और यात्रा: चेरापूंजी पहुँचने के लिए शिलॉन्ग से लगभग 54 किमी की दूरी तय करनी होती है। यहाँ आने के लिए सड़कें अच्छी हैं, और स्थानीय टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं। चेरापूंजी की यात्रा करते समय, पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य, अद्वितीय वन्यजीव, और स्थानीय संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।

स्थानीय खाना: चेरापूंजी में स्थानीय खाने में "जोरो" (बांस की कलियाँ) और "पोहा" (चिउड़े) जैसे व्यंजन प्रमुख हैं। यहाँ की मसालेदार और स्वादिष्ट खाद्य संस्कृति स्थानीय जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

चेरापूंजी की यह अद्वितीयता इसे सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान देती है। यहाँ की बारिश, सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य हर वर्ष लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

 

 

 

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