3500 साल पुरानी इंसानी खोपड़ी में चौकोर छेद का रहस्य सुलझा, कारण जान पुरातात्विक भी रह गए दंग

 3500 साल पुरानी इंसानी खोपड़ी में चौकोर छेद का रहस्य सुलझा, कारण जान पुरातात्विक भी रह गए दंग
Last Updated: 02 मार्च 2023

हमारी दुनियां कई तरह के अद्‌भुत और हैरान कर देने वाले रहस्यों से भरी पड़ी है चाहे वो मिटटी के निचे दफ़न हजारो साल पुराने अवशेष हो या समुद्र की गहराइयों में छिपा खजाना,या घने जंगलों, व पहाड़ियों में छिपा रहस्य, इन सभी रहस्मयी गुत्थो को सुलझाने, और ऐसी घटनाओं से रूबरू करवाने के लिए इंसान आज हर जगह खोज रहा है और ऐसे ही अद्भुत रहस्यों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिये Subkuz.com

तेल अवीव: इजरायल में खोजी गई 3500 साल पुरानी कांस्य युगीन इंसानी खोपड़ी में चौकोर छेद का रहस्य सुलझ गया है। शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि लगभग 3,500 साल पहले रहने वाले एक व्यक्ति की खोपड़ी में सर्जरी के लिए यह छेद बनाया गया था। इसके मस्तिष्क की सर्जरी का दूसरा सबसे प्राचीन प्रमाण होने का भी दावा किया गया है, जिसे ट्रेफिनेशन के रूप में जाना जाता है। इस कंकाल की खोज 2016 में उत्तरी इजरायल के मगिद्दो में एक प्राचीन मकबरे में की गई थी। तब पुरातात्विको को कंकाल की एक जोड़ी मिली थी। यह मकबरा सोने, चांदी, कांस्य, गहने, चीनी मिट्टी के बर्तनों और अन्य विलासिता की वस्तुओं से भी भरा हुआ था। यह दर्शाता है कि कंकाल के ये अवशेष एक धनी प्राचीन परिवार के सदस्यों के थे।

सर्जरी के लिए मस्तिष्क में किया गया था छेद


अमेरिका, इजरायल और ऑस्ट्रिया के शोधकर्ताओं ने इन अवशेषों के डीएनए का विश्लेषण किया। इससे निर्धारित हुआ कि ये कंकाल दो भाइयों के थे, जिनमें से एक की खोपड़ी में एक बड़े चौकोर आकार का छेद था। यह छेद माथे के ऊपर एक नुकीली धारदार चीज के जरिए बनाई गई थी। हड्डियों को इतनी सटीकता से काटा गया था कि उसने हड्डी में चिकने किनारों को छोड़ दिया था। इससे पता चलता है कि उस समय के डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए मस्तिष्क में इस छेद को बनाया था

एनीमिया और टीबी का हुए थे शिकार


हड्डियों के जोड़े से पता चला कि ये दोनों बचपन के दौरान एनीमिया के शिकार भी हुए थे। एनीमिया खून की कमी से होने वाला रोग है। हड्डियों पर बने घाव के निशान से वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि यह तपेदिक या कुष्ठ रोग जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। पहले भाई के बारे में कहा गया था कि उसकी किशोरावस्था के अंत या 20 के दशक की शुरुआत में मृत्यु हो गई थी। वहीं, खोपड़ी में छेद वाले भाई की मृत्यु बाद में, 21 और 46 वर्ष की आयु के बीच हुई थी। ऐसा माना जाता है कि उसकी मौत सर्जरी के बाद उपचार की कमी के कारण हुई थी।

 

दुनिया की सबसे पुरानी मस्तिष्क की सर्जरी को जानें


शोधकर्ताओं ने इस हफ्ते ओपन एक्सेस पीयर-रिव्यूड जर्नल पीएलओएस वन में अपना काम प्रकाशित किया है। उन्हें विश्वास है कि स्क्वायर होल ब्रेन सर्जरी पुरातत्वविदों की दुनिया की सबसे बड़ी खोज बन सकती है। अगर उनका सिद्धांत सही है तो मगिद्दो की खोज मध्य पूर्व में कहीं भी दर्ज की गई सबसे पुरानी मस्तिष्क शल्य चिकित्सा का प्रयास होगा। दुनिया में सर्जरी का सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण पहले फ्रांस में खोजा गया था, जहां 6500 ईसा पूर्व के एक दफन स्थल पर ट्रेपेनिंग छेद वाली 40 खोपड़ी पाई गई थीं।

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