Asia Power Index List: एशिया पावर इंडेक्स रैंकिंग में भारत बना तीसरा सबसे शक्तिशाली देश, जापान समेत रूस को भी छोड़ा पीछे

Asia Power Index List: एशिया पावर इंडेक्स रैंकिंग में भारत बना तीसरा सबसे शक्तिशाली देश, जापान समेत रूस को भी छोड़ा पीछे
Last Updated: 25 सितंबर 2024

हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा जारी की गई एशिया पावर इंडेक्स की रैंकिंग में भारत के बढ़ते प्रभाव और ताकत का प्रमाण देखने को मिला है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत को विभिन्न मानकों पर मजबूती से स्थान दिया गया है, जो इसकी क्षेत्रीय और वैश्विक भूमिका को उजागर करता है।

Asian Superpower Index: एशियाई पावर इंडेक्स में सुधार करते हुए भारत एशिया की तीसरी महाशक्ति बन गया है। इस इंडेक्स में विभिन्न मानदंडों पर आधारित मूल्यांकन किया गया है, जिसमें अर्थव्यवस्था, सैन्य ताकत, कूटनीति और सॉफ्ट पावर शामिल हैं।

ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जापान और रूस को भी पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। एशियाई सुपरपावर इंडेक्स में भारत तीसरे स्थान पर है, जबकि जापान चौथे और रूस छठे स्थान पर है।

पहले स्थान पर रहा अमेरिका

एशियाई सुपरपावर इंडेक्स (Asian Superpower Index) में अमेरिका को पहले स्थान पर रखा गया है, जबकि चीन दूसरे स्थान पर है। अमेरिका को इस लिस्ट में शामिल करने का कारण इसका एशिया में व्यापक प्रभाव है, भले ही वह भौगोलिक रूप से एशिया का हिस्सा हो।

भारत का स्कोर 39.1 है, जो इसे तीसरे स्थान पर लाता है, जबकि जापान का स्कोर 38.9 है, जिससे वह चौथे स्थान पर खिसक गया है। इस इंडेक्स में पाकिस्तान 14.6 अंक के साथ 16वें स्थान पर है।

भारत ने तेजी से की प्रगति

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि एशिया में शक्ति का संतुलन अभी भी अमेरिका और चीन के हाथ में है, लेकिन चीन की शक्ति स्थिर हो गई है, जबकि भारत ने तेजी से प्रगति की है। भारत ने जापान को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंचकर अपनी ताकत को साबित किया है, लेकिन उसकी क्षमता और संसाधनों के आधार पर आगे बढ़ने की व्यापक संभावनाएं हैं।

जैसे-जैसे समय बीतेगा, भारत का आर्थिक कौशल, सैन्य शक्ति और कूटनीतिक रणनीतियाँ उसके लिए और अधिक मजबूती में योगदान करेंगी।

भारत की तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था और युवा जनसंख्या का लाभ उसके लिए एक मजबूत पक्ष साबित हो रहा है। यदि भारत इन क्षेत्रों में सही नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करता है, तो वह निश्चित रूप से एशिया में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है और संभवतः भविष्य में अमेरिका और चीन के बाद दूसरा स्थान भी प्राप्त कर सकता है।

131 मानदंडों के आधार पर किया आंकलन

एशियाई पावर इंडेक्स का आंकलन आठ प्रमुख थीम के 131 मानदंडों के आधार पर किया गया है।

सैन्य क्षमता और रक्षा नेटवर्क- यह मानदंड किसी देश की सैन्य शक्ति, तकनीकी क्षमता और रक्षा सहयोग को देखता है।

आर्थिक क्षमता एवं रिश्ते- इसमें देश की आर्थिक स्थिति, व्यापारिक संबंध और वैश्विक आर्थिक नेटवर्क का मूल्यांकन किया जाता है।

कूटनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव- इस पर ध्यान दिया जाता है कि कैसे देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी नीति और संस्कृति का प्रचार करते हैं।

लचीलापन और भविष्य के संसाधन- इसमें यह देखा जाता है कि देश किस प्रकार अपनी अर्थव्यवस्था और संसाधनों को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।

इन मानदंडों के आधार पर, भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है और थाइलैंड इस सूची में दसवें स्थान पर है, जिसका स्कोर 19.8 है।

पीएम नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एशियाई पावर इंडेक्स में भारत की नई रैंकिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह सफलता कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और आक्रामक कूटनीतिक रणनीति का परिणाम है।

 

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