Pakistan News : कंगाली का असर अब नेशनल डे पर, परेड लॉन में होगी; वजह- 5 मुश्किलों में फंसा देश

Pakistan News : कंगाली का असर अब नेशनल डे पर, परेड लॉन में होगी; वजह- 5 मुश्किलों में फंसा देश
Last Updated: 26 मई 2023

पाकिस्तान सरकार ने कई दिनों की माथापच्ची के बाद आखिरकार यह तय कर लिया है कि नेशनल डे परेड (23 मार्च) प्रेसिडेंट हाउस के लॉन में होगी। यह परेड भी सिर्फ सिम्बॉलिक यानी प्रतीकात्मक होगी। चंद मेहमान ही मौजूद होंगे। किसी फॉरेन गेस्ट को भी इस मौके पर इनवाइट नहीं किया जाएगा।

दरअसल, कुछ दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सरकारी फिजूलखर्ची रोकने के लिए कई बड़े फैसले किए थे। इनमें कैबिनेट का सैलरी न लेना भी शामिल था। इसके बाद फौज की तरफ से इशारा दिया गया कि नेशनल डे परेड को भी इस साल प्रतीकात्मक रखा जाए।

शाहबाज ने पिछले दिनों ये भी कहा था कि सरकार हर तरह से सख्ती करके इस साल 200 अरब रुपए (पाकिस्तानी करंसी) बचाना चाहती है।

विदेशी मेहमान भी नहीं आएंगे
कुछ हद तक पाकिस्तान डे परेड भारत की गणतंत्र दिवस परेड की तरह होती है। हर साल 23 मार्च को यह समारोह इस्लामाबाद के सबसे बड़े मैदान शकरपारियां में होता है। इस प्रोग्राम का चीफ गेस्ट कोई विदेशी हस्ती होता है। इस बार सरकार ने फैसला किया है कि किसी भी विदेशी को बतौर गेस्ट नहीं बुलाया जाएगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेसिडेंट आरिफ अल्वी के अलावा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान उमर अता बांदियाल और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ही कार्यक्रम में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि यह प्रोग्राम प्रेसिडेंट हाउस के लॉन में होगा। परेड में आमतौर पर पाकिस्तानी फौज हथियारों का प्रदर्शन करती है। इस बार ये भी नहीं होगा। इस परेड में कुछ झांकियां भी निकाली जाती हैं। इस पर भी रोक रहेगी।

पाकिस्तान डे की परेड हर साल 23 मार्च को राजधानी इस्लामाबाद में होती रही है।

5 बड़ी मुश्किलों में फंसा पाकिस्तान

.पाकिस्तान में लोअर मिडिल क्लास और लोअर क्लास के लोगों की परचेजिंग पावर यानी खरीद की क्षमता 42% कम हो गई है। महंगाई लगातार बढ़ती रही और खरीद की क्षमता कम होती रही। इससे मांग कम हो गई और बिजनेस भी चपेट में आ गए। हालात बद से बदतर हो गए।

. पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार महज 2.79 अरब डॉलर बचा है। ये भी सऊदी अरब और चीन का गारंटी डिपॉजिट है। इसे खर्च नहीं किया जा सकता। डॉलर की कमी के चलते जरूरी चीजों का भी इम्पोर्ट बंद है। आटा, प्याज, जरूरी दवाएं नहीं मिल रही हैं। बैंकों से लेटर ऑफ क्रेडिट न मिलने से हजारों कंटेनर में पोर्ट पर सामग्री अटकी पड़ी है।

. पाकिस्तान में टोयोटा, सुजुकी ने कार प्लांट बंद कर दिए हैं। प्रमुख टेक्सटाइल इंडस्ट्री के भी कई प्लांट बंद हो चुके हैं। टोयोटा ने 30 दिसंबर से प्रोडक्शन बंद कर दिया है। मांग न होने से कार, ट्रैक्टर और फाइबर का उत्पादन बंद है या कटौती की गई है।

. पाकिस्तान में पिछले साल गर्मियों में आई भीषण बाढ़ से 80% फसलें तबाह हो गईं। इससे खाने के सामानों की कमी हो गई। अटलांटिक काउंसिल के पाकिस्तान इनिशिएटिव के उजैर यूनुस का कहना है कि बाढ़ ने मुसीबत और बढ़ा दी।

. पाकिस्तान में करीब एक साल सियासी अस्थिरता है। इमरान सरकार ने जाते-जाते पेट्रोल और डीजल पर सब्सिडी की ऐलान कर दिया था। अब शाहबाज सरकार जूझ रही है। उसने IMF के कहने पर फ्यूल समेत तमाम जरूरी चीजों के दाम बढ़ा दिए हैं। सबसे बड़ी दिक्कत तो फ्यूल इम्पोर्ट की है। पाकिस्तान में बिजली भी फ्यूल से ही प्रोड्यूज की जाती है।

कर्ज देने में आनाकानी कर रहा है IMF

. 31 जनवरी 2023 को नाथन पोर्टर के नेतृत्व में IMF की एक टीम पाकिस्तान गई थी। पाकिस्तान सरकार के वित्त मंत्री इशाक डार के साथ इस टीम की 3 फरवरी से 9 फरवरी तक मीटिंग हुई थी।

. पाकिस्तान बेलआउट पैकेज के तहत IMF से कर्ज की मांग कर रहा था। दरअसल, 2019 में इमरान खान की सरकार के रहते IMF ने पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज के तहत 6 बिलियन डॉलर से ज्यादा की मदद देने का वादा किया था। अब इसी वादे के तहत पाकिस्तान IMF से 1.1 बिलियन डॉलर की एक और किश्त मांग रहा है। 10 दिन चली बैठक बेनतीजा रही। IMF की टीम पाकिस्तान से लौट गई।

. IMF ने कहा- पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे पर वर्चुअल चर्चा जारी रहेगी। फिलहाल, किसी एग्रीमेंट पर साइन नहीं किए गए। वहीं, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि रूटीन प्रोसेस की वजह से पाकिस्तान को कर्ज मिलने में देरी हुई है।

पाकिस्तान के लिए IMF की 3 नई शर्तें
. IMF ने एक बार फिर से पाकिस्तान को MEFP नाम का मेमोरेंडम देने से इनकार कर दिया है। ये वो मेमोरेंडम है जिसके हाथ लगते ही पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज मिल जाएगा। IMF चाहता है कि पहले पाकिस्तान सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए उसकी शर्तों को माने।

IMF ने पाकिस्तान सरकार के सामने कर्ज देने के लिए मुख्य तौर पर तीन तरह की शर्तें रखी हैं...

. IMF का कहना है कि पाकिस्तान पहले से ही 900 अरब डॉलर सर्कुलर कर्ज का सामना कर रहा है। ऐसे में अगर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए पाकिस्तान सरकार अभी कोई कड़ा फैसला नहीं लेती है तो इससे पार पाने में आगे काफी मुश्किल होगी। ऐसे में पाकिस्तान की जनता से अलग-अलग टैक्स के जरिए 170 अरब रुपए वसूलने की सलाह दी गई है।

. दूसरी शर्त ये है कि पाकिस्तान अपनी इकोनॉमी को बेहतर करने के लिए सामानों के निर्यात पर टैक्स में छूट दे। इसके बाद देश में तैयार माल दूसरे देशों में जाएगा, जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

. एक शर्त ये भी है कि पाकिस्तान के पास किसी भी हाल में विदेशी मुद्रा भंडार में अमेरिकी डॉलर की कमी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सऊदी अरब, चीन और UAE से मदद मांगने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

और, शाहबाज की आखिरी कोशिश
. 26 फरवरी को शाहबाज शरीफ ने सरकारी खर्च में जबरदस्त कटौती से जुड़े अहम ऐलान किए। कहा- मैं और कैबिनेट के बाकी मिनिस्टर्स सैलरी नहीं लेंगे। तमाम केंद्रीय मंत्री बिजली, पानी, गैस और टेलिफोन के बिल जेब से भरेंगे।

. शरीफ के मुताबिक- मंत्रियों के पास मौजूद लग्जरी गाड़ियां नीलाम की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और ब्यूरोक्रेसी से भी खर्च में कटौती की अपील की गई है। हैरानी वाली बात ये है कि मुल्क बनने के बाद से अब तक (76 साल) के दौर में करीब आधा वक्त देश चला चुकी ताकतवर फौज के बजट पर शरीफ एक लफ्ज भी नहीं बोले। वो भी तब जबकि उसके पास अरबों रुपए का बजट है।

पाकिस्तान डिफॉल्टर होने की कगार पर है: मिफ्ता इस्माइल
. पाकिस्तान के सीनियर बिजनेस जर्नलिस्ट खुर्रम हुसैन ने एक इंटरव्यू में कहा- IMF की शर्तों को पूरा करके पाकिस्तान को बेल आउट पैकेज के तहत कर्ज मिलेगा। इससे देश डिफॉल्टर होने से बच जाएगा, लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए ये सॉल्यूशन नहीं है।

.नई इकोनॉमिक पॉलिसी के जरिए कर्ज कम होने के बाद ही देश की स्थिति सही होगी।

. मिशिगन यूनिवर्सिटी में रिसर्च एंड पॉलिसी एंगेजमेंट के प्रोफेसर जॉन सिओरसियारी ने चेतावनी देते हुए कहा-पाकिस्तान डिफॉल्टर होने के कगार पर है। अगले कुछ समय तक देश की हालात ऐसी रही तो देश के अलग-अलग हिस्से में लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर सकते हैं। इस स्थिति में तख्तापलट कर एक बार फिर से पाकिस्तानी सेना सत्ता संभाल सकती है।

. पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने भी टीवी इंटरव्यू में कहा- ये बिल्कुल सच है कि पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है। इससे बड़ी नाकामी और क्या हो सकती है कि 75 साल    में हम 23वीं बार दिवालिया होने वाले हैं।

 

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