पुष्पा-2 के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद, मीडिया में यह खबरें फैलने लगी थीं कि पुलिस ने अभिनेता के साथ दुर्व्यवहार किया। हालांकि, अब हैदराबाद पुलिस ने इस मामले में एक बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया है और गिरफ्तारी की प्रक्रिया को सही ठहराया है।
भीड़ के नियंत्रण में आई समस्या
दरअसल, अल्लू अर्जुन को न्यायिक हिरासत में लेने के बाद कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि पुलिस ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया। यह मामला उस समय हुआ जब एक फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान एक फैन की मौत हो गई थी और इस घटना के बाद पुलिस ने अभिनेता को हिरासत में लिया था। पुलिस ने कहा कि अभिनेता की गिरफ्तारी के बाद यह आरोप सही नहीं थे और उनका व्यवहार घटना के दौरान ही समस्या का कारण बना।
हैदराबाद सिटी के सेंट्रल जोन के डिप्टी पुलिस कमिश्नर ने बयान में कहा कि, "अल्लू अर्जुन के आने से पहले भीड़ नियंत्रण में थी, लेकिन उनके एक्ट के कारण स्थिति बिगड़ी।" पुलिस ने बताया कि अभिनेता के थिएटर में पहुंचने के बाद वह अपनी गाड़ी के सनरूफ से बाहर आकर भीड़ को हाथ हिला कर अभिवादन करने लगे। इस इशारे से लोग और ज्यादा उत्साहित हो गए और वे मुख्य गेट की ओर बढ़ने लगे। इसके बाद सुरक्षा कर्मियों ने लोगों को धक्का देकर रास्ता बनाने की कोशिश की।
अल्लू अर्जुन की हरकतों से मची भगदड़
पुलिस के मुताबिक, अल्लू अर्जुन के हाथ हिलाने के बाद लोगों का ध्यान मुख्य गेट की ओर आकर्षित हुआ और इस वजह से बड़ी भीड़ इकट्ठा हो गई। इस समय अभिनेता की सुरक्षा टीम ने लोगों को अंदर धकेलना शुरू किया, जिससे और भी असमंजस पैदा हुआ। सुरक्षा कर्मियों ने अभिनेता को चेतावनी दी थी कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है, लेकिन अभिनेता ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और वह दो घंटे से ज्यादा समय तक थिएटर में रुके रहे।
पुलिस ने दी अपनी सफाई
पुलिस ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि गिरफ्तारी के समय पुलिसकर्मियों ने अल्लू अर्जुन के साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस का कहना था कि जब वे अभिनेता के घर पहुंचे, तो उन्होंने कपड़े बदलने के लिए कुछ समय मांगा। इसके बाद उन्हें कोई बल प्रयोग किए बिना हिरासत में लिया गया। पुलिस ने यह भी कहा कि अभिनेता को अपने परिवार और पत्नी से बातचीत करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और उन्होंने स्वयं पुलिस वाहन में बैठने का निर्णय लिया।
आयोजकों की लापरवाही भी रही जिम्मेदार
पुलिस ने यह भी बताया कि आयोजकों ने एक अधिकारी से मुलाकात नहीं की और केवल एक पत्र सौंप दिया था, जिसके कारण इस कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार के सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे। पुलिस ने यह भी कहा कि उन्हें हर महीने कई तरह के अनुरोध मिलते हैं, जैसे कि फिल्मी हस्तियों, धार्मिक कार्यक्रमों और राजनीतिक दौरे के लिए सुरक्षा की मांग। लेकिन ये सभी संसाधनों की सीमा से बाहर थे और उन्हें पूरी तरह से प्रदान करना संभव नहीं था।
इस पूरे मामले में हैदराबाद पुलिस ने स्पष्ट किया कि अभिनेता के कार्यों और आयोजकों की लापरवाही के कारण यह घटना घटी और कोई भी दुर्व्यवहार नहीं हुआ। गिरफ्तारी के समय पुलिस ने हर नियम का पालन किया और अभिनेता को पूरे सम्मान के साथ हिरासत में लिया। इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा इंतजामों का होना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि ऐसी अनचाही घटनाएं न घटें।