क्या पैकेज्ड मिनरल वाटर वाकई सुरक्षित है? FSSAI ने दी चेतावनी, सालाना निरीक्षण होगा अब अनिवार्य

क्या पैकेज्ड मिनरल वाटर वाकई सुरक्षित है? FSSAI ने दी चेतावनी, सालाना निरीक्षण होगा अब अनिवार्य
Last Updated: 04 दिसंबर 2024

हमारे रोजमर्रा के जीवन में पैकेज्ड मिनरल वाटर का इस्तेमाल आम हो चुका है। बाहर जाते समय या रेस्टोरेंट में खाना खाने के दौरान हम अक्सर बोतल बंद पानी को स्वास्थ्य के लिहाज से सबसे सुरक्षित मानते हैं। लेकिन अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इस पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बताया गया है कि मिनरल वाटर अब उच्च जोखिम वाले खाद्य उत्पादों की श्रेणी में आता है। इसका मतलब यह है कि वह पानी जो हमें 'मिनरल वाटर' के नाम से बिकता है, वह हमारी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।

FSSAI ने क्यों किया मिनरल वाटर को उच्च जोखिम वाला?

FSSAI की रिपोर्ट के मुताबिक, कई पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर उत्पाद भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नहीं होते। इस कारण से इन्हें 'उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों' में शामिल किया गया है। FSSAI ने यह भी कहा है कि अब इन उत्पादों का निरीक्षण थर्ड पार्टी ऑडिट एजेंसी द्वारा किया जाएगा, ताकि उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। FSSAI ने यह फैसला उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लिया है।

अब हर साल होगी पैकेज्ड पानी की जांच

FSSAI ने अपने आदेश में कहा कि पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर निर्माता कंपनियों को अब हर साल निरीक्षण से गुजरना होगा। यह निरीक्षण 'रिस्क बेस इंस्पेक्शन पॉलिसी' के तहत होगा, जो हर साल अनिवार्य किया जाएगा। FSSAI का कहना है कि जो उत्पाद BIS प्रमाणन से हट गए हैं, उन्हें अब लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के लिए हर साल निरीक्षण करवाना पड़ेगा।

क्या यह कदम उत्पादों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए है?

FSSAI की यह पहल मुख्य रूप से पैकेज्ड पानी और मिनरल वाटर की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्ता वाली पानी उपलब्ध कराना है। यह कदम उन कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो मानक प्रमाणन से बाहर हो चुकी हैं। अब ये कंपनियां अपने उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने के लिए थर्ड पार्टी ऑडिटिंग एजेंसी से सालाना निरीक्षण करवाने के लिए बाध्य होंगी।

क्या है ड्रिंकिंग वॉटर इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया?

FSSAI की रिपोर्ट के बाद, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर इंडस्ट्री ने सरकार से इस नियम को सरल बनाने की मांग की है। वर्तमान में, ड्रिंकिंग वॉटर इंडस्ट्री को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और FSSAI दोनों से प्रमाणन लेना पड़ता है, जो काफी जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है। इंडस्ट्री का कहना है कि ये नियम अधिक कड़े होने से उद्योग पर बोझ बढ़ सकता है।

क्या है यह 'थर्ड पार्टी ऑडिट' प्रक्रिया?

FSSAI द्वारा दिया गया आदेश यह सुनिश्चित करता है कि पैकेज्ड पानी और मिनरल वाटर की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाए। अब ये उत्पाद थर्ड पार्टी ऑडिटिंग एजेंसियों द्वारा सालाना निरीक्षण से गुजरेंगे, जो सुनिश्चित करेंगी कि उत्पाद भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के तय किए गए मापदंडों के अनुसार हैं या नहीं। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना है।

क्या है FSSAI का अंतिम संदेश?

FSSAI का कहना है कि यह कदम उपभोक्ताओं की सेहत और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लिया गया है। पैकेज्ड पानी के अधिक सेवन से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उत्पादों की गुणवत्ता उच्चतम स्तर पर हो। अब यह उन कंपनियों पर निर्भर करेगा जो पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर का उत्पादन करती हैं, कि वे इन नए नियमों के तहत अपनी प्रक्रिया को कैसे अनुकूलित करती हैं।

कुल मिलाकर, FSSAI द्वारा उठाए गए इस कदम से पैकेज्ड पानी और मिनरल वाटर के गुणवत्ता मानकों में सुधार की संभावना जताई जा रही है, ताकि उपभोक्ताओं को शुद्ध और सुरक्षित पानी मिल सके।

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