डीजीपी अभिनव कुमार ने आज एक प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया कि उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में मादक पदार्थों की तस्करी बिना किसी मिलीभगत के संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि तस्करों के साथ मिलीभगत करने वाले के विरुद्ध साक्ष्य एकत्र कर कार्रवाई की जाएगी।
Uttrakhand: डीजीपी अभिनव कुमार ने स्पष्ट किया है कि उत्तराखंड में नशे की तस्करी बिना मिलीभगत के संभव नहीं है, और यह समस्या पूरे देश में व्याप्त है। उन्होंने कहा कि तस्करों के साथ मिलीभगत करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि यदि मिलीभगत करने वाले के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलते हैं, तो पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
युवा वर्ग ड्रग्स लेने में सबसे ज्यादा शामिल
डीजीपी गुरुवार को हल्द्वानी कोतवाली के मीटिंग हॉल में डीजीपी अभिनव कुमार ने प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि प्रदेश में ड्रग्स तस्करी बढ़ रही है और पुलिस अपराधियों को जेल भेज रही है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स लेने वालों में युवा वर्ग सबसे ज्यादा शामिल है।
डीजीपी ने इस समस्या से निपटने के लिए अभिभावकों और स्कूलों के अध्यापकों से मदद मांगी, क्योंकि युवाओं की बदलती गतिविधियों को वे सबसे पहले पहचान सकते हैं। डीजीपी ने यह भी कहा कि पहले केवल ड्रग्स बेचने वाले पकड़े जाते थे, लेकिन अब पुलिस बड़े माफिया के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधियों को मुंहतोड़ जवाब दे रही है और उन्हें उसी अंजाम में निपटा जा रहा है जिस अपराध को उन्होंने किया है।
डीजीपी ने अपराधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उत्तराखंड की पुलिस अब स्मार्ट हो गई है और अपराधी यहां से बच नहीं पाएंगे। पुलिस महिला अपराध को रोकने के लिए भी तैयार है और अपराधियों को सीधे जेल भेजा जा रहा है।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है और यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश में नशे का कारोबार पूरी तरह से खत्म हो जाए।
हल्द्वानी में बढ़ते यातायात पर होगा अध्ययन
डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि हल्द्वानी में यातायात का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोग जाम की समस्या का सामना कर रहे हैं। उन्होंने पिछले 20 वर्षों से बढ़ते यातायात के मुद्दे पर एसएसपी पीएन मीणा को अध्ययन करने के लिए निर्देशित किया है। इसके परिणामस्वरूप, यह विचार किया जाएगा कि इस समस्या का समाधान कैसे किया जाए। साथ ही, जिला प्रशासन के सहयोग से एक ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिसमें नए पार्किंग स्थलों का निर्माण भी शामिल होगा।
बदलते ट्रेंड को जानने के लिए बनाई कमेटी
उन्होंने बताया कि महिला अपराध के बदलते ट्रेंड के संदर्भ में वरिष्ठ डीआईजी के नेतृत्व में एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है। राज्य के प्रत्येक थाने में महिला डेस्क के अलावा अब एक विशेष रूम भी बनाया जाएगा, जहां पीड़ित महिलाओं से संवेदनशीलता से पूछताछ की जाएगी। इस रूम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के मन में मौजूद भय को कम करना है, ताकि वे अपने अनुभव को बेझिझक साझा कर सकें।
दिक्कत होने पर होंगे नियम में बदलाव
यातायात चेकिंग के संबंध में डीजीपी ने अपने विचार स्पष्ट किए हैं। उन्होंने कहा कि हर साल प्रदेश में सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटनाओं के कारण अपनी जान खो रहे हैं, जो कि बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। हालांकि, हल्द्वानी के निवासियों का कहना है कि यहां की तुलना में अन्य जिलों में अधिक सख्ती से नियमों का पालन करायाजार हा है।
दोपहिया वाहनों पर डबल हेलमेट न पहनने और कार में सीट बेल्ट न लगाने पर चालान किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यदि किसी को चालान से समस्या है, तो वह अपने जनप्रतिनिधि से संपर्क करके नियमों में बदलाव करवा सकते हैं। राज्य में यातायात नियमों के खिलाफ सख्ती का अभियान जारी रहेगा।
आइटीआई गैंग पर सख्त कार्रवाई
हाल ही में डीजीपी के समक्ष आइटीआई गैंग की दहशत का मुद्दा उठाया गया। डीजीपी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि इस गैंग में बच्चे शामिल हैं, तो यह शर्म की बात है। माता-पिता को अपने बच्चों पर ध्यान देने की ज़रूरत है, न कि उन्हें वाहन देकर गैंग में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने की। डीजीपी ने आगे कहा कि जब भी पुलिस कार्रवाई करती है, तो लोग, नेता और बच्चों के अभिभावक थाने में पहुंचकर बचाव में उतर आते हैं। लेकिन अब पुलिस कार्रवाई करेगी, और कोई भी बचाव में नहीं आएगा।
बनभूलपुरा दंगे के बाद हल्द्वानी की छवि पर लगा हैं दाग
डीजीपी ने स्पष्ट किया कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए पुलिस एक्शन मोड में है। हल्द्वानी का माहौल बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। माहौल बिगाड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।