झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं को दो महत्वपूर्ण राहत मिली हैं। पहली राहत यह है कि बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी। दूसरी राहत यह है कि बिजली के मीटर के लिए भी कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। इन दोनों राहतों का लाभ लगभग 53 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को मिलेगा। बता दें कि बिजली वितरण निगम ने दरों में 30.89 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था।
रांची: राज्य में बिजली की दरें पहले की तरह बनी रहेंगी, जिसमें किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी। बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक और खुशखबरी यह है कि अब उन्हें मीटर किराया भी नहीं देना पड़ेगा। इससे राज्य के लगभग 54 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। सोमवार को यह निर्णय झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने लिया। आयोग ने राज्य बिजली वितरण निगम द्वारा दर बढ़ाने के संबंध में किए गए प्रस्ताव (टैरिफ पेटिशन) को ठुकरा दिया।
बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव खारिज: आयोग का बड़ा फैसला
निगम ने 30.89 प्रतिशत दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा था, लेकिन आयोग ने कहा कि दर बढ़ाने का कोई कारण नहीं है। उपभोक्ताओं ने दरों में वृद्धि नहीं करने का आग्रह किया था। इसके बाद, पांचों प्रमंडल में जन सुनवाई आयोजित की गई। आयोग के तकनीकी सदस्य अतुल कुमार और विधि सदस्य महेंद्र प्रसाद ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दर नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है, खासकर जब कि सात महीने पहले ही दरों में वृद्धि की गई थी।
नुकसान को 13 प्रतिशत तक सीमित करने का निर्देश
आयोग ने वितरण निगम को निर्देश दिया है कि वह बिजली के नुकसान (लाइन लास) को 13 प्रतिशत तक लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। वितरण निगम ने 2022-23 के लिए 30.28%, 2023-24 के लिए 23.99% और 2024-25 के लिए 19.08 प्रतिशत तक घाटा कम करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
आयोग ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया
बिजली बिल भुगतान में छूट: यदि उपभोक्ता अपने बिजली बिल का भुगतान पांच दिनों के भीतर करते हैं, तो उन्हें दो प्रतिशत की छूट मिलेगी।
ऑनलाइन भुगतान पर छूट: ऑनलाइन और डिजिटल मोड में निर्धारित अवधि के भीतर बिजली बिल भुगतान करने पर एक प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 250 रुपये तक होगी।
पावर लोड फैक्टर में छूट: सभी उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी जिनका लोड फैक्टर 65 प्रतिशत से अधिक है, जिसमें अधिकतम 15 प्रतिशत की छूट उपलब्ध होगी।
रूफटॉप सोलर पीवी प्रोजेक्ट: इसके लिए टैरिफ 4.16 रुपये प्रति किलोवाट और नेट मीटरिंग 3.80 रुपये प्रति किलोवाट निर्धारित किया गया है।
बिजली आपूर्ति का समय: एचटी उपभोक्ताओं को 23 घंटे और एलटी उपभोक्ताओं को 21 घंटे बिजली की आपूर्ति करना अनिवार्य होगा।
प्रीपेड मीटर पर छूट: प्रीपेड मीटर लगाने पर एनर्जी चार्ज में तीन प्रतिशत की छूट मिलेगी और एक महीने के भीतर पूरी सिक्योरिटी डिपोजिट वापस की जाएगी।
बिजली की दरें: क्या हैं ताजा अपडेट?
श्रेणी प्रति यूनिट (रुपये) फिक्स चार्ज (रुपये)
घरेलू - ग्रामीण 6.30 75
घरेलू - शहरी 6.65 100
घरेलू एचटी 6.25 150
कामर्शियल ग्रामीण 6.10 120
कामर्शियल शहरी 6.65 200
सिंचाई 5.30 50
इंडस्ट्रियल एलटी 6.05 150
इंडस्ट्रियल एचटी 5.85 400
स्ट्रीट लाइट 7.00 250
रेलवे 5.60 400
एमईएस 5.60 400