दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को राउज एवेन्यू कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत मिली है, वहीं बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने बीजेपी नेता द्वारा दायर मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
Atishi News: दिल्ली की सीएम आतिशी को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने गुरुवार को बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर द्वारा दायर मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट के समक्ष की जाने वाली कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
आतिशी पर मानहानि का आरोप
यह मामला तब सामने आया जब बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया। कपूर ने आरोप लगाया था कि आतिशी ने एक सार्वजनिक बयान में पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाए, जिससे उनकी व्यक्तिगत और पार्टी की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हुआ। इसके बाद, मजिस्ट्रेट अदालत ने आतिशी के खिलाफ समन जारी किया था, लेकिन इस आदेश के खिलाफ सीएम आतिशी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी, जिसमें समन आदेश को चुनौती दी गई थी।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने कार्यवाही पर लगाई रोक
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम आतिशी की याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत की कार्यवाही पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इस फैसले से मुख्यमंत्री आतिशी को एक बड़ी राहत मिली है, क्योंकि इससे उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया में कोई तात्कालिक बढ़ोतरी नहीं होगी। कोर्ट ने इस मामले में सेशन कोर्ट से 2 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है, जब इस मामले की आगे की सुनवाई होगी।
आतिशी ने सेशन कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
मुख्यमंत्री आतिशी ने मानहानि के इस मामले में समन आदेश को चुनौती देते हुए सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि बीजेपी नेता द्वारा दायर मानहानि मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जब तक सेशन कोर्ट में इस मामले की आगे की सुनवाई नहीं हो जाती। यह फैसला सीएम आतिशी के लिए बड़ी राहत का कारण बना, क्योंकि इससे उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया रुक गई है।
बीजेपी ने लगाया आरोपों
बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सीएम आतिशी ने बिना कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत किए, उनकी और बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठे आरोप लगाए। बीजेपी का कहना था कि आतिशी ने बिना किसी प्रमाण के उनकी पार्टी और नेताओं को बदनाम करने की कोशिश की। साथ ही, बीजेपी ने यह भी दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के नेता अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सामग्री पेश करने में नाकाम रहे हैं।