CM Atishi: दिल्ली में रोहिंग्या मुद्दे को लेकर सीएम आतिशी का आरोप, अमित शाह को लिखा पत्र; जानें क्या रहा हरदीप पुरी का जवाब?

CM Atishi: दिल्ली में रोहिंग्या मुद्दे को लेकर सीएम आतिशी का आरोप, अमित शाह को लिखा पत्र; जानें क्या रहा हरदीप पुरी का जवाब?
Last Updated: 15 दिसंबर 2024

दिल्ली की सीएम आतिशी ने अमित शाह को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने रोहिंग्या को दिल्ली में बसाया है। 17 अगस्त 2022 को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट्स से स्पष्ट होता है कि यह भाजपा की नीति और निर्णय था।

Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राजधानी के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्याओं को बसाने का आरोप लगाया। आतिशी ने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया कई वर्षों से चल रही है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के 17 अगस्त 2022 के ट्वीट्स ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार की नीति के तहत इन शरणार्थियों को दिल्ली में बसाया गया।

आतिशी का बयान 

आतिशी ने बताया कि बक्करवाला में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) फ्लैट्स में रोहिंग्याओं को बसाया गया था, जो गरीब दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित थे। इसका मतलब है कि दिल्लीवासियों से उनका हक छीना गया है।

हरदीप पुरी का पलटवार

पुरी ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "आम आदमी पार्टी (आप) ध्यान भटकाने, गलत व्याख्याओं और आधे-अधूरे सच की राजनीति कर रही है। केंद्र सरकार ने अवैध रोहिंग्या प्रवासियों को दिल्ली में बसाने का निर्णय लिया था, और इसका स्पष्ट उल्लेख 17 अगस्त 2022 को ट्वीट में किया गया था। भाजपा ने पहले ही चुनाव आयोग से उन रोहिंग्याओं के बारे में शिकायत की है जो दिल्ली में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं।"

आतिशी का अनुरोध

आतिशी ने एक्स पर पोस्ट किया कि, "माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी, केंद्र सरकार ने दिल्ली में बड़ी संख्या में अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों को बसाया है बिना स्थानीय सरकार या जनता की अनुमति के। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट्स स्पष्ट करते हैं कि भाजपा द्वारा यह निर्णय जानबूझकर लिया गया था। हम मांग करते हैं कि-

बिना दिल्ली सरकार और जनता की सहमति के कोई भी अवैध शरणार्थी दिल्ली में न बसाया जाए।

केंद्र सरकार द्वारा बसाए गए सभी रोहिंग्या शरणार्थियों की सूची और पते की जानकारी दिल्ली सरकार, उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस को दी जाए।

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