जम्मू-कश्मीर के डोडा और असम के उदलगुड़ी में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मैग्नीट्यूड मापी गई, जो सुबह 6:14 बजे आया। इस भूकंप का केंद्र धरती की सतह से 15 किलोमीटर की गहराई में था।
नई दिल्ली: रविवार को एक बार फिर देश के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे धरती हिल उठी। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले और असम के उदलगुड़ी में भूकंप के झटके दर्ज किए गए। जम्मू-कश्मीर के डोडा में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मैग्नीट्यूड रही, जबकि असम के उदलगुड़ी में यह तीव्रता 4.2 मैग्नीट्यूड मापी गई।
जम्मू में भूकंप सुबह 6:14 बजे आया और इसका केंद्र धरती की सतह से 15 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। हालांकि, इन भूकंपों से किसी प्रकार की हानि या नुकसान की कोई खबर नहीं आई हैं।
डरकर घरों से बाहर आए लोग
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, रविवार सुबह 6:14 बजे जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप का केंद्र धरती की सतह से 15 किलोमीटर की गहराई में था। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के बाद कहीं से भी किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, भूकंप के झटकों के कारण लोग घबराहट में घरों से बाहर निकल आए।
जम्मू-कश्मीर के चिनाब घाटी क्षेत्र में, जिसमें डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी जिले शामिल हैं, पिछले कुछ वर्षों में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टिकोण से संवेदनशील माना जाता है और यहां नियमित रूप से विभिन्न तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। पिछले पाँच से सात सालों में इस क्षेत्र में भूकंपों की आवृत्ति में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जो स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
कश्मीर घाटी बन गया भूकंप का मुख्य केंद्र
कश्मीर घाटी भूकंपीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, और यहां इतिहास में कई विनाशकारी भूकंप आए हैं। विशेष रूप से, 8 अक्टूबर 2005 का भूकंप एक त्रासदीपूर्ण घटना थी, जिसका केंद्र पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) के मुजफ्फराबाद के पास था। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.6 मापी गई थी, जिसने उत्तरी पाकिस्तान, उत्तरी भारत, और अफगानिस्तान में भीषण तबाही मचाई।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग, श्रीनगर, बारामुल्ला जैसे जिलों में कम से कम 32,335 इमारतें ढह गईं। इसके अलावा, कई गांव पूरी तरह नष्ट हो गए। इस भूकंप से कश्मीर घाटी की संरचना और जनसंख्या पर गहरा असर पड़ा। जम्मू-कश्मीर में लगभग 1,350 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि 6,266 लोग घायल हो गए।पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) और पाकिस्तान के नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस (NWFP) में लगभग 79,000 लोग मारे गए, हालांकि कुछ स्रोतों ने मरने वालों की संख्या 86,000 तक बताई। इसके अलावा, 69,000 से अधिक लोग घायल हुए थे।