रेलगाड़ियों से शेरों के कटने की घटना को लेकर गुजरात हाई कोर्ट ने रेलवे विभाग और विन विभाग को जोरदार फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस Sunita Devi Agarwal ने कहां कि आये दिन ट्रेन से शेरों के मरने की खबर आ रही है, यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
गुजरात: रेलगाड़ी के द्वारा पटरियों पर घूमते हुए शेरों के कटने पर गुजरात हाई कोर्ट ने इस तरह की घटनाओं को लेकर रेलवे प्राधिकरण और विन विभाग को फटकार लगाते हुए खरी-खोटी सुनाई। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुनीता देवी अग्रवाल ने रेलवे विभाग के अधिकारी से पूछा, क्या आप ऐसे दुर्घटनाओं से अनजान हैं? हम दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं, बल्कि दुर्घटनाएं ही ना हो ऐसा चाहते हैं।
पटरियों पर शेरों की हो रही मौत
कोर्ट से मिली जनकारी के अनुसार Subkuz.com ने बताया कि हाई कोर्ट चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने भारतीय रेलवे की ओर से कोर्ट में पक्ष रख रहे अधिवक्ता से कहां कि, ‘‘आप शेरों को आये दिन मार रहे है, हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे’ मुख्य न्यायाधीश ने कहां कि रेलवे की उदासीनता और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गुजरात में आये दिन रेलगाड़ियों से कटकर कई शेर मारे गए हैं. कोर्ट ने कहां कि ऐसी घटनाओं पर रेलवे द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया पर काम करके इसे शून्य पर लाया जाना चाहिए। अदालत ने रेल पटरियों पर शेरों की मौत को लेकर अपने स्तर पर पूरी जानकारी ली हैं।
रेलगाड़ी से कटकर दो शेरों की मौत
जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट चीफ जस्टिक ने बताया कि अकेले जनवरी महीने में ही दो शेरों का ट्रेन से कटकर मरना बहुत ही चिंताजनक है। शेरों से जुड़े मामलों पर सभी लोगों को संवेदनशील होने की जरूरत है। हाई कोर्ट ने कहां कि वन विभाग के कर्मचारियों और रेलवे डिपार्टमेंट के अधिकारीयों को बैठकर इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर चर्चा करनी चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहां कि दोनों विभाग इस मामले पर उचित समझौता करें वरना हम जंगली इलाकों में चलने वाली सभी ट्रेनें बंद कर देंगे।
बताया गया है कि हाई कोर्ट ने रेलवे विभाग के द्वारा पेश किए गए हलफनामे (Affidavit) को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। कोर्ट द्वारा रेलवे विभाग को लगाई गई फटकार के बाद रेलवे ने कहा, "हमें कुछ दिनों का समय दीजिए। हम सर्वोत्तम मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया (Standard Operating Procedure - एसओपी) के साथ जवाब पेश करेंगे।
रेलवे और वन विभाग को लगाई फटकार
हाई कोर्ट चीफ जस्टिक ने रेलवे और वन विभाग को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने इससे पहले की गई सुनवाई में भी रेलवे विभाग को जोरदार फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जनवरी माह में रेलवे ट्रैक के नीचे आकर कटने से हुई शेरों की मौत की घटनाओं पर सवाल उठाए थे। रेलवे विभाग ने अपनी दलीले पेश करते हुए कहां कि सेंचुरी क्षेत्र (जंगली क्षेत्र) से गुजरते समय लोकोपायलट के द्वारा ट्रेन की स्पीड भी कम रखी जाती है। इस बात पर चिंता जाहिर करते हुए चीफ जस्टिस ने कहां कि ट्रेन की स्पीड तो कम कर दी जाती है, लेकिन उन ड्राइवरों का क्या करे जो तेज स्पीड से ट्रेन को यहां से गुजारते हैं।