जम्मू-कश्मीर में व्यापक प्रशासनिक बदलाव किए गए हैं, जिसमें लगभग 200 सिविल और पुलिस अधिकारियों के तबादले शामिल हैं। आज दोपहर को निर्वाचन आयोग जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करने वाला है।
Election: जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के लिए आज निर्वाचन आयोग द्वारा तारीखों का ऐलान किया जाएगा। इससे पहले, राज्य में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। सरकार ने राज्य में लगभग 200 सिविल और पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर किया है। कल शाम को विभिन्न विभागों के 88 आईएएस और केएएस अधिकारियों के तबादले (Transfer) किए गए थे, जबकि आज आईजी से एसएसपी रैंक के 33 पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया है।
इसमें आईजी सीआईडी, रेंज डीआईजी और जिला एसएसपी का पूरा प्रभार शामिल है। सूत्रों के अनुसार, अगले 3 घंटों में तबादलों की एक और सूची जारी होने की संभावना है।
राजौरी के नए उपायुक्त की नियुक्ति
आईएएस अभिषेक शर्मा, जो सांबा के उपायुक्त के पद पर कार्यरत थे, अब ट्रांसफर होकर राजौरी के उपायुक्त नियुक्त किए गए हैं। जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विकास कुंडल को जम्मू-कश्मीर पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, और उन्हें पुंछ का उपायुक्त भी नियुक्त किया गया है।
श्री शकील यूआई रहमान राथर को डिप्टी कमिश्नर, बांदीपोरा से स्थानांतरित कर पुष्प और उद्यान विभाग, कश्मीर का निदेशक नियुक्त किया गया है। वहीं, माजिद खलील अहमद द्राबू, जो विधिक माप विज्ञान, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रक के पद पर कार्यरत थे, उन्हें आईसीपीएस, जम्मू-कश्मीर का मिशन निदेशक बनाया गया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने दी जानकारी
इन तबादलों को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, जम्मू-कश्मीर प्रशासन को इस बड़े पैमाने पर फेरबदल के आदेश को लागू करने के लिए स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर सचिवालय और पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों को काम पर बुलाना पड़ा।
जानकारी मिली है कि उन्हें यह भी नहीं पता था कि चुनाव आयोग आज चुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा। यह एक और बड़ी वजह है कि चुनाव आयोग को इस तबादले के आदेश को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के दृष्टिकोण से देखना चाहिए। नेशनल कॉन्फ्रेंस को शक है कि उपराज्यपाल का इरादा पक्षपातपूर्ण रहा है।
जम्मू में 370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव
आपको बता दें कि आज शाम तीन बजे चुनाव आयोग की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है। राज्य में धारा 370 के हटने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव हो रहा है। साल 2019 में राज्य के पुनर्गठन और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां विधानसभा चुनाव जल्दी कराने तथा पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को निर्देशित किया था कि वह सितंबर तक जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव संपन्न कराए।
कितनी है विधानसभा चुनाव की सीटें ?
परिसीमन का कार्य पूरा न होने के कारण जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से विधानसभा चुनाव नहीं हो पाए थे। मई 2022 में परिसीमन के बाद, अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या 90 हो गई है। इस प्रकार, जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा सीटों पर चुनाव आयोजित किए जाने हैं। 2014 में कुल 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें जम्मू की 37 और कश्मीर घाटी की 46 सीटें शामिल थीं, इसके अलावा 6 सीटें लद्दाख की थीं।
10 साल बाद हो रहें हैं चुनाव
राज्य पुनर्गठन से पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव आखिरी बार वर्ष 2014 में हुए थे। उस समय जम्मू कश्मीर विधानसभा की 87 सीटों के लिए लगभग 65 प्रतिशत मतदान हुआ था। चुनाव परिणामों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सबसे अधिक 23 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन पार्टी 25 सीटों के साथ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के बाद दूसरे स्थान पर रही। पीडीपी ने तब 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई।