Haryana: हरियाणा दौरे पर आज मायावती, चुनावी रैली को करेंगी संबोधित, SC वोटरों को साधने की कोशिश

Haryana: हरियाणा दौरे पर आज मायावती, चुनावी रैली को करेंगी संबोधित, SC वोटरों को साधने की कोशिश
Last Updated: 30 सितंबर 2024

हरियाणा की राजनीतिक परिदृश्य में, भाजपा ने राजपूत समाज से योगेंद्र राणा को अपने उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। दूसरी ओर, बीएसपी-इनेलो ने भी राजपूत समाज से गोपाल राणा को प्रत्याशी बनाया है। इस क्षेत्र में करीब 17,000 राजपूत वोटर्स हैं, जो इस चुनावी मुकाबले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं

Karanal: असंध विधानसभा में आज BSP और इनेलो गठबंधन की संयुक्त रैली आयोजित होने जा रही है, जो राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कुमारी मायावती और ओम प्रकाश चौटाला असंध की नई अनाज मंडी में एक संयुक्त जनसभा को संबोधित करेंगे।

इस रैली का मुख्य उद्देश्य SC (अनुसूचित जाति) वोटरों को साधना है, जिसमें मायावती और उनके सहयोगी आकाश आनंद का प्रयास रहेगा। वहीं, जाट समुदाय को अपने पक्ष में लाने के लिए इनेलो नेता अभय चौटाला और ओम प्रकाश चौटाला सक्रिय रहेंगे।

SC वोटरों को साधने की कोशिश- मायावती

इस विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण चुनावी परिदृश्य को रोचक बना रहे हैं। भाजपा ने राजपूत समाज से योगेंद्र राणा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि BSP-इनेलो गठबंधन ने राजपूत समाज के ही गोपाल राणा को मैदान में उतारा है। यहां लगभग 17,000 राजपूत वोटर हैं, जिनका झुकाव चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है।

वहीं, असंध में 25,000 से अधिक जाट वोटर और 55,000 से अधिक SC वोटर भी हैं, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। इस प्रकार, जातीय समीकरण और समुदायों के बीच मतभेद चुनावी नतीजों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं

जातीय समीकरण और पार्टी के बीच प्रतिस्पर्धा

मायावती और आकाश आनंद की संयुक्त सभा का उद्देश्य SC वोटरों को आकर्षित करना है, जबकि ओपी चौटाला और अभय चौटाला जाट वोटरों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस गठबंधन की ताकत का परीक्षण 8 अक्टूबर को होने वाले चुनाव परिणामों से होगा, जहां यह स्पष्ट होगा कि क्या यह रैली वोटरों के बीच प्रभाव डाल पाई है।

असंध विधानसभा में जातीय समीकरण और पार्टी के बीच प्रतिस्पर्धा की स्थिति महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन अपने लक्षित वोटरों, खासकर जाट और SC समुदाय के लोगों को कितना प्रभावित कर पाता है। चुनावी नतीजे आने पर यह साफ होगा कि मायावती और चौटाला की यह संयुक्त सभा वोटरों में कितना प्रभाव छोड़ती है।

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