Himachal News: क्या सुक्खू सरकार गेस्ट टीचर पॉलिसी से फंसी? सड़कों पर उतरे हिमाचल के बेरोजगार युवाओं का उग्र विरोध

Himachal News: क्या सुक्खू सरकार गेस्ट टीचर पॉलिसी से फंसी? सड़कों पर उतरे हिमाचल के बेरोजगार युवाओं का उग्र विरोध
Last Updated: 14 दिसंबर 2024

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन इस निर्णय के बाद राज्य सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। जहां एक ओर मुख्यमंत्री इस कदम को शिक्षा में सुधार का हिस्सा मानते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के बेरोजगार युवा इस पॉलिसी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि अस्थाई रोजगार की व्यवस्था से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

बेरोजगार युवाओं का गुस्सा सड़कों पर प्रदर्शन

गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर विरोध जताने के लिए शुक्रवार को बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के बाहर एकत्रित हुए। इन युवाओं का कहना है कि गेस्ट टीचर पॉलिसी से उन्हें स्थाई रोजगार की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं। इन युवाओं का आरोप है कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले रोजगार के बड़े वादे किए थे, लेकिन अब उन्हें अस्थाई नौकरी का प्रस्ताव दिया जा रहा है, जो उनकी उम्मीदों के खिलाफ है।

आरोप और वादाखिलाफी बेरोजगार युवाओं का सवाल

2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बेरोजगार युवाओं से 5 लाख रोजगार देने का वादा किया था। इस वादे के बाद युवाओं का विश्वास और बढ़ गया था, लेकिन अब सरकार के गेस्ट टीचर पॉलिसी से वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। युवा कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने जो वादे किए थे, वे अब पूरे होते नहीं दिखाई दे रहे।

कांग्रेस मंत्रियों के पुराने बयान भी उठा रहे सवाल

मुख्यमंत्री सुक्खू और अन्य कांग्रेस मंत्रियों द्वारा अस्थाई रोजगार के खिलाफ दिए गए बयानों को अब सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। मंत्रियों का कहना था कि अस्थाई रोजगार की पॉलिसी नहीं लाई जाएगी, लेकिन अब वही पॉलिसी लागू कर दी गई है, जिससे युवा असंतुष्ट हैं।

शिक्षित बेरोजगार युवाओं का मुख्यमंत्री से मुलाकात का अनुरोध

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पहुंचे शिमला के विधायक हरीश जनारथा को बेरोजगार युवाओं ने घेर लिया और उनसे मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय तय करने की अपील की। युवाओं का कहना था कि वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करना चाहते हैं ताकि अपनी समस्याओं को सीधे सरकार तक पहुंचा सकें। विधायक हरीश ने यह भरोसा दिया कि वे मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए समय तय करेंगे।

क्या कहा मुख्यमंत्री सुक्खू ने?

गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह फैसला शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। जब तक नियमित शिक्षक नहीं आते, तब तक गेस्ट टीचर की सेवाएं ली जाएंगी।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह कदम जनहित में लिया गया है और इसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना है।

राज्य सरकार के खिलाफ विपक्ष का हमला

इस निर्णय के बाद विपक्षी पार्टी भाजपा ने राज्य सरकार पर बेरोजगार युवाओं के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रवक्ता राकेश जम्वाल ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने से पहले बड़े-बड़े वादे कर रही थी, लेकिन अब उसने बेरोजगार युवाओं की उम्मीदों को तोड़ दिया है। उनका कहना है कि कांग्रेस ने अपने चहेतों को रोजगार देने में तो कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन आम युवाओं को अस्थाई नौकरी की पेशकश की जा रही है।

महत्वपूर्ण दिन 19 दिसंबर को विधानसभा घेराव

युवाओं का गुस्सा इस हद तक बढ़ गया है कि उन्होंने आगामी 19 दिसंबर को धर्मशाला में विधानसभा घेराव का ऐलान किया है। शिक्षित बेरोजगार संघ ने इस दिन बड़ी संख्या में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।

एक नए दौर की शुरुआत या वादाखिलाफी?

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के लिए गेस्ट टीचर पॉलिसी एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन युवाओं का विरोध और वादाखिलाफी के आरोप इस फैसले को विवादित बना सकते हैं। राज्य सरकार को अब यह समझना होगा कि बेरोजगार युवाओं की उम्मीदें बहुत ऊंची हैं, और उन्हें संतुष्ट करने के लिए स्थाई समाधान देना होगा।

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