झारखंड में महागठबंधन पर खतरा, RJD की सीटों को लेकर मची हलचल, कांग्रेस प्रभारी पहुंचे दिल्ली

झारखंड में महागठबंधन पर खतरा, RJD की सीटों को लेकर मची हलचल, कांग्रेस प्रभारी पहुंचे दिल्ली
Last Updated: 10 घंटा पहले

झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए धनबाद और बोकारो से उम्मीदवार चयन एक बड़ी चुनौती बन गया है। बोकारो से राजेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाने की चर्चा हो रही है, जबकि धनबाद से अजय दुबे और शेखर अग्रवाल के नामों पर विचार चल रहा है। इसके साथ ही, कांग्रेस को राजद को मनाने में भी मुश्किलें आ रही हैं, क्योंकि राजद ने गठबंधन के तहत अपने उम्मीदवार पहले ही पेश कर दिए हैं।

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए धनबाद और बोकारो से उम्मीदवार चयन किसी सिरदर्द से कम नहीं है। बोकारो से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को उम्मीदवार बनाने की चर्चा है, लेकिन उन्होंने धनबाद से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

धनबाद में कांग्रेस के भीतर अजय दुबे का नाम फिर से प्रमुखता से उभर रहा है, जबकि पूर्व मेयर शेखर अग्रवाल के नाम की भी हाल के दिनों में काफी चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इन्हें टिकट दे सकती है, जिससे धनबाद का मुकाबला और भी रोचक हो जाएगा। रविवार या सोमवार को दोनों सीटों पर निर्णय लिए जाने की संभावना है।

कांग्रेस के सामने एक और बड़ी चुनौती यह है कि वह राजद को मनाने में सफल हो। राजद ने झामुमो, वाम दल और कांग्रेस के उम्मीदवारों के सामने अपने कैंडिडेट उतार दिए हैं, जिससे गठबंधन में दरार के आसार बढ़ गए हैं। छतरपुर, विश्रामपुर, गढ़वा और धनवार जैसे विधानसभा क्षेत्रों में भी गठबंधन दलों के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं, जो आगामी चुनाव में एक बड़ी समस्या बन सकता है।

राजद को मनाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई

ये नेता नियमित रूप से राजद के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं। दूसरे चरण के नामांकन से पहले राजद पर दबाव बनाया जाएगा कि वे अपने उम्मीदवारों के नाम वापस लें। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वामपंथी दल, झामुमो और कांग्रेस मिलकर राजद के उम्मीदवारों के खिलाफ खड़े हो सकते हैं, जिससे महागठबंधन की स्थिति और बिगड़ सकती है।

इस बीच, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी नई दिल्ली गए हैं, जहां वे केंद्रीय नेतृत्व को जमीनी हकीकत से अवगत कराएंगे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर धनबाद और बोकारो के उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी और गठबंधन को लेकर नई रणनीति भी तैयार की जाएगी।

भवनाथपुर से कांग्रेस नेताओं का सामूहिक इस्तीफा

भवनाथपुर के कांग्रेसियों ने सामूहिक इस्तीफा देकर एक बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र में बताया कि भवनाथपुर विधानसभा सीट पर उनका ऐतिहासिक अधिकार है, जहां से कांग्रेस के सात बार विधायक चुने गए हैं।

कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि उन्हें पहले ही अवगत कराया गया था कि यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को दी जा रही है, और अब झामुमो ने अनंत प्रताप देव को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेसियों ने अनंत प्रताप देव पर आरोप लगाया कि उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का अपमान किया था और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के साथ भी गद्दारी की थी।

पत्र में कांग्रेसियों ने कहा है कि पार्टी के इस फैसले से वे सभी आहत हैं और ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकते, जिसने कांग्रेस का अपमान किया। इससे साफ है कि स्थानीय नेताओं के बीच गुस्सा और असंतोष गहरा है, जो महागठबंधन की एकता को भी चुनौती दे सकता है।

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