Jharkhand Election News: रांची में कांग्रेस ने आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस, यशस्विनी सहाय ने विकास को लेकर BJP सरकार पर साधा निशाना

Jharkhand Election News: रांची में कांग्रेस ने आयोजित की प्रेस कॉन्फ्रेंस, यशस्विनी सहाय ने विकास को लेकर BJP सरकार पर साधा निशाना
Last Updated: 05 मई 2024

 

रांची में शनिवार को कांग्रेस कमेटी की आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रत्याशी यशस्विनी सहाय ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। कहां कि भाजपा ने गरीबी और विकास के मुद्दे को लेकर अच्छी मार्केटिंग की हैं, लेकिन उसका प्रोडक्ट खराब निकला।

रांची: झारखंड में कांग्रेस कमेटी की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रांची से कांग्रेस उम्मीदवार यशस्विनी सहाय ने शनिवार (4 मई) को संवाददाता से बात करते हुए भाजपा को निशाना बनाया। उन्होंने कहां कि भारतीय जनता पार्टी ने पुरे देश में गरीबी और विकास के नाम पर अच्छी मार्केटिंग की है लेकिन उसका प्रोडक्ट खराब निकला। इस कारण केंद्र सरकार पूरी तरह से असफल रही है। सहाय ने कहा कि पिछले 24 वर्षों में 18 साल से अधिक शासन करने के बावजूद भाजपा ने राजधानी रांची में विकास नहीं किया हैं।

बेरोजगारी अहम मुद्दा

संवाददाता से बात करते हुए यशस्विनी सहाय ने कहां कि रांची में जितना विकास होना चाहिए था उतना भजपा सरकार में नहीं हो पाया।  रिंग रोड के बाहरी इलाकों पर तो भजपा ने ध्यान ही नहीं दिया था। सहाय ने युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि झारखंड में ही नहीं पूरे देश में पेपर लीक होना आम बात हो गई है, लेकिन इसका सबसे बड़ा आसार बढ़ रही युवा जनसंख्या पर पड़ रहा है. बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है और इसे दूर करने के लिए कठोर से कठाेर कानून बनाने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।

केंद्रीय एजेंसियों पर कसा तंज

जानकारी के मुताबिक साहनी ने कहां कि केंद्रीय एजेंसियों का गठन देश की आर्थिक स्थिति को सुधारकर मजबूत बनाए रखने के लिए किया गया था लेकिन यह एजेंसियां एक पार्टी विशेष के लिए ही संसाधन जुटाने में व्यस्त हैं। झारखंड में मदर इंडस्ट्री के रूप में चिह्नित एचईसी (हैवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन लिमिटेड) का गला घोंटकर कर्मियों और अधिकारियों को कई-कई महीनों तक का वेतन नहीं दिया जा रहा हैं।

बताया कि इन मुद्दों में कहीं ना कहीं केंद्र सरकार की विफलता भी शामिल है। साहनी ने कहां की कांग्रेस सरकार की जीत दर्ज करने के बाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच की दूरी को पाटने की कोशिश की जाएगी और एचईसी कर्मियों के साथ उचित न्याय किया जाएगा। समान नागरिकता संहिता को लेकर कहां कि जब तक मौलिक अधिकारों की व्याख्या समझ नहीं जाएं, तबतक इसकी बात नहीं की जा सकती हैं।

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