झारखंड की रहने वाली 16 साल की काम्या ने माउंट एवरेस्ट की चोटी फतह कर एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। दोपहर 12.37 बजे काम्या ने एवरेस्ट की चोटी पर भारतीय तिरंगा लहरा कर देश का नाम रोशन किया। काम्या के साथ इस लक्ष्य को हासिल करने में उनके पिता भी साथ थे।
जमशेदपुर: टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की काम्या कार्तिकेयन ने 16 साल की उम्र में एवरेस्ट फतह करके एक और नया कीर्तिमान स्थापित करके दिखाया है। पर्वतारोही काम्या ने भारतीय समय के मुताबिक सोमवार (२० मई) को दोपहर 12:37 बजे एवरेस्ट की चोटी पर भारत का झंडा लहराया। इसके बाद उन्होंने टाटा स्टील का झंडा भीफहराया। इस अभियान में काम्या के साथ उसके पिता एस कार्तिकेयन भी शामिल थे। इस रेस में बेटी काम्य ने पिता को हराते हुए एवरेस्ट के शिखर पर पहले कदम रखा था। पिता एस कार्तिकेयन ने दोपहर 2.13 बजे एवरेस्ट पर कदम रखा था।
काम्या बड़ी चोटियों को बनाएगी लक्ष्य
काम्या ने Subkuz.com को जानकारी देते हुए बताया कि अब तक अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (5,895 मीटर), यूरोप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर), ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट कोसियुस्को (2,228 मीटर) सहित पांच चोटियों पर विजय प्राप्त कर भारत का झंडा फहरा चुकी हैं।
जानकारी के मुताबिक मीडिया ने बताया कि 2017 में काम्य एवरेस्ट बेस कैंप तक ट्रेक करने वाली दुनिया की दूसरी सबसे कम उम्र की लड़की बन चुकी थीं। यही नहीं 20 हजार फीट ऊंची माउंट स्टोक पर सफलता हासिल करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की लड़की भी बनीं है। काम्या और उनके पिता एस कार्तिकेयन 19 मई 2024 की देर रात फाइनल समिट के लिए बेस कैंप-4 से रवाना हुए थे। रविवार को ही दोनों बेस कैंप-4 में पहुंच चके थे। उन्होंने यह साहसिक अभियान छह अप्रैल को काठमांडू से शुरू किया था।
एवरेस्ट की चोटी पर 15 मिनट से ज्यादा रुकना घातक
जानकारी के मुताबिक करीब डेढ़ महीने के इस समिट में पर्वतारोहियों को कई तरह के मौसम की चुनौतियों से सामना करना पड़ता है। उच्च शिविरों में कई चक्कर भी लगाने पड़ते हैं। एवरेस्ट के शिखर तक पहुंचने के लिए जो तैयार किया गया है, उसमें बेस कैंप के आने के बाद बेस कैंप-4 आता है। बेस कैंप-4 से ही एवरेस्ट की चोटी की अंतिम चढ़ाई शुरू होती हैं।
बताया कि एवरेस्ट की चोटी पर 15 मिनट से ज्यादा समय तक रुकना बहुत मुश्किल होता है। काम्या के नीचे उतरने के बाद उनके पिता चोटी पर पहुँच पाए थे। शाम 4:12 बजे बेस कैंप-3 में पहुंचने पर दोनों की मुलाकात हुई और दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया। यह दृश्य देखकर सभी भावुक हो गए। उस समय काम्या की आंखों में खुशी और गर्व के आंसू झलक रहे थे. वहीं पिता का सीना बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व से चौड़ा हो गया। यह पल पिता-पुत्री के लिए उत्साह पूर्ण था।