Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा में बाबूलाल मरांडी बने नेता प्रतिपक्ष, भाजपा ने किया बड़ा ऐलान

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झारखंड की सियासत में एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नेता प्रतिपक्ष का चयन हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अनुभवी नेता बाबूलाल मरांडी को झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी हैं।

रांची:  झारखंड की सियासत में एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नेता प्रतिपक्ष का चयन हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अनुभवी नेता बाबूलाल मरांडी को झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी हैं। इसके साथ ही भाजपा विधायक दल का नेतृत्व भी अब उनके हाथों में रहेगा। झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम आने के करीब चार महीने बाद भाजपा ने यह अहम निर्णय लिया। इससे पहले, इस पद के लिए कई बड़े नामों पर अटकलें लगाई जा रही थीं। 

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की राय लेने के बाद भाजपा आलाकमान ने आखिरकार बाबूलाल मरांडी के नाम पर मुहर लगा दी। इस फैसले की घोषणा भाजपा के वरिष्ठ नेता और पर्यवेक्षक भूपेंद्र यादव ने की। उन्होंने बताया कि विधायक दल की बैठक में नवीन जायसवाल, नीरा यादव और राज सिन्हा ने मरांडी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।

मरांडी का संकल्प: ‘विकसित भारत’ के लिए करेंगे काम

नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद बाबूलाल मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि वे झारखंड की जनता की आवाज बनकर विधानसभा में मजबूती से अपनी भूमिका निभाएंगे। फिलहाल, बाबूलाल मरांडी झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। लेकिन अब, उनके नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नए चेहरे की तलाश कर रही है। जल्द ही भाजपा इस संबंध में भी फैसला ले सकती हैं।

बाबूलाल मरांडी का राजनीतिक सफर

बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं और राज्य की राजनीति में उनका प्रभाव काफी गहरा है। उनका जन्म 11 जनवरी 1958 को गिरिडीह जिले के कोदाईबांक गांव में हुआ था। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से भूगोल में स्नातकोत्तर किया। छात्र जीवन में ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए।उन्होंने कुछ वर्षों तक गांव के स्कूल में शिक्षक के रूप में भी काम किया।

वे विश्व हिंदू परिषद के संगठन सचिव भी रहे। झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। 12वीं, 13वीं, 14वीं और 15वीं लोकसभा में सांसद भी रहे हैं। 1998 से 2000 के बीच एनडीए सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे।

नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनकी भूमिका

बाबूलाल मरांडी के नेता प्रतिपक्ष बनने से झारखंड की सियासत में नई हलचल देखने को मिलेगी। उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल होंगे:

* विधानसभा में विपक्ष की आवाज बुलंद करना
* सरकार की नीतियों की समीक्षा और आलोचना
* विपक्षी दलों को एकजुट करना और समन्वय स्थापित करना
* जनता की समस्याओं को उठाना और सरकार से जवाबदेही तय करवाना
* विधानसभा में सार्थक बहस और चर्चाओं में भाग लेना

झारखंड की राजनीति में नया समीकरण

भाजपा के इस फैसले से झारखंड की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। जहां एक ओर सत्तारूढ़ गठबंधन की चुनौतियां बनी रहेंगी, वहीं भाजपा अब विपक्ष में और आक्रामक भूमिका निभा सकती है। बाबूलाल मरांडी के अनुभव और रणनीतिक क्षमता से झारखंड विधानसभा में भाजपा को नई मजबूती मिल सकती हैं।

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