झारखंड सरकार की मुफ्त बालू योजना के अंतर्गत बड़े पैमाने पर फर्जी आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को 1400 आवेदन मिले हैं, जिनमें से अधिकांश गलत लोगों द्वारा किए गए हैं। सरकार ने गरीबों को 2 हजार सीएफटी बालू मुफ्त देने की घोषणा की थी, लेकिन फर्जी दस्तावेजों के चलते कई आवेदन रद्द हो रहे हैं।
Ranchi: झारखंड सरकार द्वारा गरीबों को मुफ्त बालू देने की घोषणा के बाद, फर्जी आवेदनकर्ताओं की एक बड़ी संख्या में भीड़ लग गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा की गई इस घोषणा के बाद, झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को अब तक लगभग 1400 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश आवेदन गलत व्यक्तियों के हैं।
ऐसे लोग जो निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि गरीबों को दो हजार सीएफटी तक बालू मुफ्त प्रदान किया जाएगा, लेकिन उन्हें इसे ढोने की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।
दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा
निर्धारित मानदंडों के अनुसार, मुफ्त बालू के लाभ के लिए लाभार्थियों का गैर आयकर दाता होना अनिवार्य है। इसके लिए उन्हें केवल अपने पैन कार्ड की छायाप्रति जमा करनी होगी। इसके अलावा, ऐसे आवेदकों को एक स्वघोषणा पत्र भी प्रस्तुत करना आवश्यक है। हालांकि, कई लोग इन दोनों दस्तावेजों की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं और फर्जी दस्तावेज भेज रहे हैं।
1.56 लाख सीएफटी बालू की हुई बुकिंग
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम ने बताया है कि अब तक 1.56 लाख सीएफटी बालू की बुकिंग की गई है, जिसमें से 78,500 सीएफटी बालू लाभार्थियों को वितरित की जा चुकी है। विभिन्न जिलों में बालू के स्टॉक से गरीबों के आवास और अन्य निर्माण कार्यों के लिए राज्य सरकार ने बालू उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था।