राहुल गाँधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द होने के 11 दिन बाद सोमवार को सूरत कोर्ट जा रहे हैं। थोड़ी ही देर में वो सूरत के लिए रवाना होंगे। उससे पहले सोनिया गांधी राहुल के सरकारी बंगले पर पहुंचीं और उनसे मुलाकात की। राहुल के साथ प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा लीगल टीम भी सूरत जा रही है।
बता दें कि 23 मार्च को सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को 'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है...' वाले बयान से जुड़े मानहानि केस में दोषी करार दिया था। उन्हें दो साल की जेल और 15 हजार रुपए जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने राहुल को 30 दिन का समय दिया था जिसमें वो फैसले को चुनौती दे सकते हैं।
24 मार्च को राहुल की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी संसद के दोनों सदनों और देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। राहुल गांधी के सूरत पहुंचने के दौरान भी पार्टी यहां शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं के साथ राज्य के भी नेता-कार्यकर्ताओं का सूरत पहुंचना शुरू हो चुका है।
इधर, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। पात्रा ने कहा- राहुल गांधी अपने परिवार के सदस्य, अशोक गहलोत और भूपेश बघेल के साथ सूरत जा रहे हैं। यहां ये 2 साल की सजा के खिलाफ अपील के नाम पर हुड़दंग मचाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने राहुल और कांग्रेस से पूछा, क्या ये न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है?
राहुल की सजा पर कांग्रेस में क्या एक्शन हुआ, जानिए 3 अहम पॉइंट
1. जेल या अपील दो हिस्सों में बंटा था पार्टी नेताओं का फैसला
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की सजा के खिलाफ पार्टी भी दो हिस्सों में बंटी हुई थी। कांग्रेस एक धड़ा चाहता था कि राहुल फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएं। वहीं, दूसरा धड़ा चाहता था कि राहुल जेल जाएंगे तो पार्टी को सहानुभूति मिलेगी और इसका फायदा आगामी लोकसभा चुनाव में मिलेगा।
2. पार्टी में राय बनी, सियासी और कानूनी लड़ाई लड़ी जाए
मीडिया रिपोर्ट्स ने बताया हैं कि आखिरी राय ये बनी कि लड़ाई सियासी व कानूनी दोनों मैदानों में लड़ी जाए। हालांकि, सजा के खिलाफ कोर्ट जाने को लेकर देरी का कारण पार्टी यही बताती रही कि फैसले को गुजराती से अंग्रेजी में अनुवाद करने में समय लगा।
3. राहुल अपनी लीगल टीम से नाराज
फैसले को चुनौती देने या जेल जाने के फैसले पर भी पार्टी नेतृत्व बंटा हुआ था। एक राय यह थी कि जेल जाने से सहानुभूति की लहर पैदा होगी। दूसरी यह थी कि चुनौती न देना गलती मान लेना समझा जाएगा। अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ा गया था। बताते हैं कि राहुल गांधी अपनी लीगल टीम से भी खफा हैं, जिसने चार साल से चल रहे इस केस को गंभीरता से नहीं लड़ा।
पटना कोर्ट में 12 अप्रैल को होंगे हाजिर, वहां भी मानहानि का केस
मानहानि के एक अन्य मामले में पटना कोर्ट में राहुल गांधी को 12 अप्रैल को हाजिर होना है। आरोप है कि राहुल ने मोदी सरनेम वालों काे चोर कहकर उनका अपमान किया था। बता दें कि राहुल पर अलग-अलग राज्यों में मानहानि के पांच मामले दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में सूरत कोर्ट उन्हें दो साल की सजा सुना चुका है।
राहुल गांधी पर दर्ज हुए इन मानहानि केस के बारे में भी पढ़िए....
2014 में राहुल गांधी ने संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। एक संघ कार्यकर्ता ने राहुल पर IPC की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया था। ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है।
2016 में राहुल गांधी के खिलाफ असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा था कि 16वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। इससे संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। ये मामला भी अभी कोर्ट में पेंडिंग है।
2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया। ये केस रांची की सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। राहुल के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपए मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल के उस बयान पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने 'मोदी चोर है' कहा था।
2018 में ही राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ। ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। IPC की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज है। केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को BJP और संघ की विचारधारा से जोड़ा।
2018 में एडीसी बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल ने आरोप लगाया था कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में पांच दिनों में 745.58 करोड़ रुपए के पुराने नोट बदले गए थे। इस बैंक के निदेशकों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं।
2017 में बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में RSS को कथित तौर पर जोड़ने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ मुंबई में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों के बयान की भावना मानहानिकारक और लोगों की नजर में संघ की छवि खराब करने वाली है।
2018 में राफेल फाइटर जेट सौदे पर राहुल ने बीजेपी का मजाक उड़ाया था और ट्वीट करते हुए कैप्शन लिखा था- द सैड ट्रुथ अबाउट इंडिया कमांडर इन थीफ। इस मामले में राहुल के खिलाफ एक गुड़गांव की एक कोर्ट में मानहानि का केस किया गया।
2019 में जबलपुर में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हत्या का आरोप लगाया था। इसको लेकर राहुल के खिलाफ अहमदाबाद कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज करवाया गया।
2019 में झारखंड में राहुल ने कहा- कांग्रेस भाजपा की तरफ हत्यारे को पार्टी अध्यक्ष नहीं स्वीकारेगी। उनके इस बयान पर चाईबासा और रांची में मानहानि का केस किया गया।
2022 में राहुल ने कहा कि सावरकर ने आजादी से पहले अंग्रेजों से माफीनामे पर हस्ताक्षर किया। मामले में सावरकर के पोते विनायक सावरकर ने मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई।