कन्या भ्रूण हत्या पर सजा का प्रावधान, भ्रूण हत्या करने और करवाने वालों की सही सूचना देने वालों को हरियाणा सरकार देगी एक लाख रुपये का इनाम

कन्या भ्रूण हत्या पर सजा का प्रावधान, भ्रूण हत्या करने और करवाने वालों की सही सूचना देने वालों को हरियाणा सरकार देगी एक लाख रुपये का इनाम
Last Updated: 18 फरवरी 2024

कन्या भ्रूण हत्या पर सजा का प्रावधान, भ्रूण हत्या करने और करवाने वालों की सही सूचना देने वालों को हरियाणा सरकार देगी एक लाख रुपये का इनाम

हरियाणा सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए नई घोषणा की है. उपायुक्त (Deputy Commissioner) अजय कुमार ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या करने और करवाने वालों की सही सूचना देने वालों को सरकार की ओर से एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। तथा सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि सरकार और प्रशासन की ओर से कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम तथा हरियाणा में लिंगानुपात को बढ़ाकर पहले पायदान पर लाने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।

कन्या भ्रूण हत्या पर क्या है सजा का प्रावधान

Subkuz.com के पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि पीसी एंड पीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques - PCPNDT) एक्ट 1994 के तहत पंजीकृत सेंटर संचालक और डॉक्टर द्वारा प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण संबंधी जुर्म पहली बार करने पर तीन साल की कैद और 10 हजार रुपए जुर्माना तथा इसके उपरांत (फिर से) जुर्म करने पर पांच साल कैद और 50 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान हैं।

जानकारी के अनुसार पति या परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा लिंग की जांच करवाना या लिंग चयन के लिए उकसाने पर पहले अपराध पर 50 हजार रुपए  जुर्माना और तीन साल तक की कैद तथा इसके उपरांत पुन: अपराध करने पर एक लाख रुपये जुर्माना और पांच साल तक की कैद का प्रावधान एक्ट में किया गया हैं।

लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए सभी को एकजुट होकर करने होंगे प्रयास 

 जानकारी के अनुसार उपायुक्त अजय कुमार ने जिलावासियों से जिला के घटते लिंगानुपात को बढ़ाकर जिला को लिंगानुपात के मामले में पहले पायदान पर लाने का आह्वान किया और कहां कि लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। उपायुक्त ने कहां कि बेटियां अनमोल है, इन्हें भी दुनिया में आने का पूरा हक हैं।

अजय कुमार ने कहां कि बालिका दिवस और महिला दिवस मनाने से कन्या भ्रूण हत्या बंद नहीं होगी। इसकी रोकथाम के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। कहां कि जिस दिन हम बेटियों को बेटों के बराबर समझने लगेंगे, उस दिन कन्या भ्रूण हत्या अपने आप बंद हो जाएगी। कन्या भ्रूण हत्या कानूनी अपराध होने के साथ-साथ सामाजिक अपराध भी हैं।

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