Kolkata Rape Murder Case: मोदी सरकार ने ममता के भेजे पत्रों का दिया जवाब, कहा - 'अपनी कमियों को छिपा रही हैं मुख्यमंत्री'

Kolkata Rape Murder Case: मोदी सरकार ने ममता के भेजे पत्रों का दिया जवाब, कहा - 'अपनी कमियों को छिपा रही हैं मुख्यमंत्री'
Last Updated: 31 अगस्त 2024

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजे गए पत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने उल्लेख किया है कि पश्चिम बंगाल में 11 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें कार्यरत नहीं हैं। ये फास्ट ट्रैक अदालतें गंभीर बलात्कार और पोक्सो मामलों में न्याय प्रदान करने के लिए स्थापित की गई हैं।

Kolkata: कोलकाता के ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में केंद्र सरकार ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठियों का जवाब दिया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पीएम मोदी को लिखी गई ममता बनर्जी की चिट्ठियों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक पत्र लिखा है।

पत्र में अन्नपूर्णा देवी ने उल्लेख किया है कि पश्चिम बंगाल में 11 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट काम नहीं कर रही हैं। ये फास्ट ट्रैक अदालतें गंभीर बलात्कार और पोक्सो मामलों में त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए स्थापित की गई थीं।

केंद्रीय मंत्री ने पत्र में क्या लिखा ?  

1. यह पत्र पश्चिम बंगाल में त्वरित ट्रैक विशेष अदालत (FTSC) और विशेष पॉक्सो अदालत की स्थिति के बारे में आपके पत्र में दिए गए तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए लिखा गया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने 88 त्वरित ट्रैक अदालतें (FTSC) स्थापित की हैं। यह संख्या केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत आने वाले त्वरित ट्रैक विशेष अदालतों (FTSC) के बराबर नहीं है। यह जानकारी मेरे पिछले पत्र (25-08-2024) में भी उल्लेखित है।

2. त्वरित ट्रैक अदालतों की स्थापना और वित्तपोषण राज्य सरकारों द्वारा संबंधित उच्च न्यायालय के परामर्श से किया जाता है, ताकि विभिन्न प्रकार के मामलों को प्रभावी ढंग से निपटाया जा सके। उदाहरण के लिए, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, बच्चों, विकलांग व्यक्तियों, एचआईवी-एड्स और अन्य गंभीर बीमारियों से प्रभावित पीड़ितों से संबंधित दीवानी मामलों और जघन्य अपराधों सहित, 5 साल से अधिक समय से लंबित भूमि अधिग्रहण और संपत्ति/किराया विवादों जैसे मामलों को निपटाने के लिए यह व्यवस्था महत्वपूर्ण है।

3. पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक कोर्ट में 30 जून 2024 तक कुल 81,141 मामले लंबित थे। वहीं, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) विशेष रूप से बलात्कार एवं POCSO अधिनियम के मामलों को निपटाने के लिए निर्धारित हैं।

 4. पश्चिम बंगाल में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित होने के बावजूद राज्य ने अतिरिक्त 11 FTSC को चालू नहीं किया है। यह विशेष POCSO कोर्ट या बलात्कार और POCSO दोनों मामलों से निपटने वाले संयुक्त FTSC की स्थापना की आवश्यकता को दर्शाता है। इस संदर्भ में आपके पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से incorrect है। ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य ने FTSC के संचालन में देरी को छिपाने के लिए यह कदम उठाया है।

मुद्दे की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया गया - 'ममता बनर्जी'

ममता बनर्जी ने अपने दूसरे पत्र में लिखा है कि आपको (PM Narendra Modi) 22 अगस्त को भेजा गया मेरा पत्र याद होगा, जिसमें लगातार बढ़ती रेप की घटनाओं के संदर्भ में सख्त कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

हालांकि, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से एक उत्तर जरूर प्राप्त हुआ, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है। मुझे लगता है कि इस मुद्दे की गंभीरता की ओर उचित ध्यान नहीं दिया गया है।

 

 

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