सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए पूरी तरह से दृढ़ संकल्पित है, हालांकि कुछ वर्गों से इसका विरोध भी सामने आ रहा है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्डों के संचालन में सुधार लाना है, जो विशाल संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं। इसके तहत वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता बढ़ाने और उनके कामकाज को बेहतर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।
नई दिल्ली: मोदी सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के साथ वक्फ बिल को पारित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित हो जाएगा।
इस विधेयक के तहत केंद्र और राज्यों के वक्फ बोर्डों के गठन और उनके कामकाज में सुधार किए जाने का प्रस्ताव है, जो वक्फ बोर्डों के संचालन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाएगा।
विधेयक पर मुस्लिम संगठनों की नाराजगी
वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई है। इन संगठनों का कहना है कि इस विधेयक के माध्यम से वक्फ बोर्डों के कामकाज में केंद्रीय सरकार की अधिक संलिप्तता से उनके अधिकारों का हनन हो सकता है।
हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक विशेष बातचीत में कहा कि सरकार इस विधेयक को शीतकालीन सत्र में पारित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इस विधेयक को पारित करने के लिए देशभर से, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय सहित, समाज के विभिन्न वर्गों से समर्थन और दबाव मिल रहा है।
25 नवंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक संयुक्त संसदीय समिति को अपने निष्कर्ष संसद में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। इस समिति ने वक्फ बिल की विस्तार से जांच की है, जो एक सर्वदलीय निकाय के रूप में काम कर रही है। रिजिजू ने यह भी बताया कि इसके बाद विधेयक पर बहस होगी, और फिर मतदान किया जाएगा।
किरण रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार वक्फ बिल को शीतकालीन सत्र में पारित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के अंदर और बाहर विपक्ष की आलोचना के बावजूद सरकार को कोई रुकावट नहीं आएगी। मंत्री ने बताया कि विपक्षी दलों के सदस्यों ने कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लिया और सुझाव दिए, साथ ही वक्फ निकायों के कार्यों को समझने के लिए आयोजित सभी क्षेत्रीय यात्राओं में भाग लिया, सिवाय पश्चिम बंगाल के।
वक्फ बिल में पारदर्शिता के प्रयास
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ बोर्डों के कामकाज में सुधार लाने के लिए विधेयक के प्रावधानों पर व्यापक बहस हुई है। उन्होंने बताया कि इन बोर्डों के पास लाखों करोड़ रुपये की संपत्तियों का प्रबंधन है, और सरकार के पास इन सुधारों को लेकर एक लाख से अधिक प्रतिनिधित्व प्राप्त हुए हैं, जिनमें अधिकांश ने विधेयक के पक्ष में समर्थन दिया है। रिजिजू ने यह भी दावा किया कि प्रस्तावित सुधार वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता लाएंगे, जो कि रक्षा मंत्रालय और रेलवे के बाद तीसरे सबसे बड़े सार्वजनिक संस्थान के रूप में कार्य करते हैं।
वक्फ बिल, सुधार की दिशा में सरकार के प्रयास
पिछले मानसून सत्र में सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक पेश किए थे, जिनका उद्देश्य वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली और उनकी संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना था। मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ निकायों की मनमानी और उनकी जवाबदेही में कमी को दूर करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ बोर्डों पर कुछ मुस्लिम अभिजात वर्ग का नियंत्रण था, जबकि समुदाय के गरीब तबके को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा था। रिजिजू ने इसे लंबे समय से लंबित सुधार बताया और कहा कि यह बदलाव आवश्यक थे।