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PM Modi Cabinet 2024: मोदी कैबिनेट में महाराष्ट्र से गडकरी और पीयूष गोयल सहित छह मंत्रियों को मिली जगह, फडणवीस ने NCP की मांग को लेकर क्या कहां?

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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल 2019-24 में महाराष्ट्र से भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों से कुल आठ मंत्रियों को शामिल किया गया था। लेकिन मोदी कैबिनेट 3.0 में रविवार को यह संख्या घटकर केवल छह रह गई हैं।

मुंबई: महाराष्ट्र के छह सांसदों को मोदी कैबिनेट 3.0 गठबंधन सरकार में शामिल किया गया है। छह सांसदों में भारतीय जनता पार्टी के चार और सहयोगी दल शिवसेना तथा आरपीआई () से एक-एक मंत्री को स्थान दिया गया है। वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री (एमओएस) की भारतीय जनता पार्टी की पेशकश को नकार दिया और प्रफुल्ल पटेल को कैबिनेट में स्थान देने की मांग की। नई सरकार में महाराष्ट्र से भाजपा सांसद नितिन गडकरी और पीयूष गोयल को कैबिनेट मंत्री के रूप में स्थाई तौर पर रखा है। महाराष्ट्र से भाजपा की एकमात्र महिला सांसद रक्षा खडसे और पहली बार सांसद बने मुरलीधर मोहोल ने राज्य मंत्री के रूप में मोदी जी के साथ शपथ ली।

NCP ने की प्रफुल्ल पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाने की मांग

भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों में आरपीआई () प्रमुख रामदास अठावले को स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री को पिछले कार्यकाल के तौर पर बरकरार रखा गया है। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रतापराव जाधव को भी स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने राज्यमंत्री के प्रस्ताव को नकारते हुए अनुभव के आधार पर राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल को कैबिनेट में शामिल करने की मांग की।

मंत्रिमंडल विस्तार के समय NCP पर किया जाएगा विचार

Subkuz.com की जानकारी के मुताबिक उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार (9 जून) को पत्रकारों से बात करते हुए कहां कि गठबंधन के द्वारा किए गए फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए तथा साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार में राकांपा (राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी) पर विचार किया जाएगा। फडणवीस ने कहां कि हमने एनसीपी को स्वतंत्र प्रभार मंत्री का एक पद देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने प्रफुल्ल पटेल के नाम का जिक्र किया। उनके अनुभव के कारण एनसीपी का मानना ​​है कि उन्हें स्वतंत्र प्रभार वाला राज्यमंत्री बनाना उचित नहीं हैं।

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