Punjab Politics : पंजाब बीजेपी में हलचल, सुनील जाखड़ के इस्तीफे की अफवाहों का अनिल सरीन ने किया खंडन, सीनियर्स की नाराजगी ने बढ़ाई मुश्किलें

Punjab Politics : पंजाब बीजेपी में हलचल, सुनील जाखड़ के इस्तीफे की अफवाहों का अनिल सरीन ने किया खंडन, सीनियर्स की नाराजगी ने बढ़ाई मुश्किलें
Last Updated: 7 घंटा पहले

पंजाब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के इस्तीफे की खबर को भारतीय जनता पार्टी ने झूठा और निराधार करार दिया हैं। बीजेपी नेता अनिल सरीन ने स्पष्ट किया कि सुनील जाखड़ ने कोई इस्तीफा नहीं दिया है और उनकी इस्तीफे की खबर पूरी तरह से झूठी है। अनिल सरीन ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि यह सभी विपक्षी दलों की चाल हैं।

चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के इस्तीफे की खबर को पूरी तरह से झूठा और निराधार करार दिया हैं। बीजेपी के नेता अनिल सरीन ने स्पष्ट किया कि सुनील जाखड़ ने कोई इस्तीफा नहीं दिया है और उनके इस्तीफे की खबर महज अफवाह है, जो बिलकुल बेबुनियाद हैं। अनिल सरीन ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि यह विपक्षी पार्टी की जिम्मेदारी हैं। बीजेपी की सफलता से विपक्षी दल हताश और निराश हो गए हैं, जिसके कारण वे ऐसे नकारात्मक तरीकों का सहारा ले रहे हैं। सुनील जाखड़ अभी भी पंजाब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और वे कहीं नहीं जा रहे हैं।

 प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा

पंचायत चुनावों को लेकर आयोजित हुई बैठक में सुनील जाखड़ ने भाग नहीं लिया। आज सुबह की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुनील जाखड़ ने पंजाब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले कुछ समय से वे पार्टी से दूर रह रहे थे और पार्टी के प्रति नाराजगी महसूस कर रहे थे। इसी वजह से वे गुरुवार को पंचायत चुनावों की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक में भी उपस्थित नहीं हुए। पार्टी के फैसले से असंतुष्ट सूत्रों के अनुसार, रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्र में मंत्री बनाए जाने के कारण वे पार्टी से नाराज थे। उन्हें यह महसूस हो रहा था कि वे काफी सीनियर हैं, फिर भी उनकी अपेक्षाओं को नजरअंदाज करते हुए बिट्टू को मंत्री बना दिया गया।

नाराजगी के पीछे दो कारण

सुनील जाखड़ ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस्तीफा देने का प्रस्ताव रखा हैं। उनकी नाराजगी के पीछे दो प्रमुख कारण हैं।

* पहला, पंजाब भाजपा में बाहरी और पुराने सदस्यों के बीच विवाद गंभीर रूप ले चुका हैं।

* दूसरा, पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेजने के मामले में उचित महत्व नहीं दिया।

 

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