राज्यसभा में विपक्षी दलों की रणनीति, चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी

राज्यसभा में विपक्षी दलों की रणनीति, चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी
Last Updated: 2 दिन पहले

विपक्षी दलों ने राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की संभावना पर विचार करना शुरू कर दिया है। हालांकि, इस प्रस्ताव को लेकर अभी तक सभी पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाई है और चर्चा प्रारंभिक स्तर पर है।

Congress to Move No Confidence Motion: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना पर विचार शुरू कर दिया है। विपक्ष से जुड़ी कुछ प्रमुख पार्टियों के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की है, हालांकि अब तक इस पर आम सहमति नहीं बन पाई है। आगामी एक-दो दिनों में इस पर और विचार-मंथन करने का फैसला लिया गया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्यसभा के सभापति ने अपनी भूमिका में निष्पक्षता का परिचय नहीं दिया है और वे सत्ता के पक्ष में हैं। 

भा.ज.पा. के आरोप और धनखड़ का बयान

सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा ने कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों पर गंभीर आरोप लगाए। भाजपा के नेताओं ने कहा कि विपक्षी दल अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर देश को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं। भाजपा ने यह आरोप भी लगाया कि ये दल भारत की संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ काम कर रहे हैं। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने भारतीय राजनीति में एक नई दिशा में बात करते हुए देश की एकता और संप्रभुता के लिए चिंता जताई। उन्होंने कहा कि "डीप स्टेट" का प्रभाव कोविड-19 से भी ज्यादा घातक हो सकता है और हमें इसके खिलाफ पूरी तरह से सजग रहना होगा।

तीन बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही

राज्यसभा की कार्यवाही दिन में तीन बार स्थगित हुई थी, जिसके बाद दोपहर तीन बजे कार्यवाही पुनः शुरू हुई। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के नेताओं और विपक्ष के नेताओं के बीच हुई बैठक के बारे में जानकारी दी। इस बैठक में मुख्य मुद्दा यह था कि सदन की कार्यवाही को कैसे बेहतर तरीके से चलाया जाए और दोनों पक्षों के बीच संवाद की स्थिति को मजबूत किया जाए। धनखड़ ने इस बैठक के दौरान कहा, "राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता हमारे लिए पवित्र है। हम किसी भी ताकत को भारत की एकता को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं देंगे, चाहे वह अंदर से हो या बाहर से।"

अगले दिन बैठक की घोषणा

धनखड़ ने कहा कि बैठक में यह तय किया गया कि मंगलवार, 10 दिसंबर 2024 को सुबह 10:30 बजे फिर से एक बैठक होगी, जिसमें राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि वे अपनी संवैधानिक शपथ का पालन करें और देश की एकता को प्राथमिकता दें।

धनखड़ ने इस दौरान सामूहिक जिम्मेदारी की बात की और कहा कि हमें राष्ट्र के सामने आने वाली सभी चुनौतियों का मिलकर सामना करना होगा। उन्होंने विशेष रूप से "गहरी ताकतों" के बारे में बात की, जिन्हें रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना पड़ेगा। उनका मानना था कि इन शक्तियों का मुकाबला करना केवल सरकार और विपक्ष दोनों का संयुक्त प्रयास होना चाहिए।

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