शिमला में कृषि कानूनों पर विवाद, कंगना रनौत ने अपने बयान पर मांगी माफ़ी, कहा - में अपने..

शिमला में कृषि कानूनों पर विवाद, कंगना रनौत ने अपने बयान पर मांगी माफ़ी, कहा - में अपने..
Last Updated: 25 सितंबर 2024

बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के तीनों कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच, मंडी सांसद ने अपने इस बयान के लिए माफी मांग ली है। कंगना रनौत ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी को बुरा लगा हो, तो इसके लिए वह खेद प्रकट करती हैं और अपने शब्द वापस लेती हैं।

Shimla: शिमला में भाजपा सांसद कंगना रनौत ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों को पुनः लागू करने की मांग केंद्र सरकार से की थी। उनके इस बयान ने तुरंत विवाद पैदा कर दिया। विपक्षी नेता कंगना के इस बयान पर लगातार भाजपा पर हमलावर हैं। हालांकि, कंगना ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली है। मंडी सांसद ने कहा है कि अगर उनके कृषि कानूनों पर दिए गए बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो वह अपने शब्द वापस लेती हैं।

कंगना का बयान

कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री से अपील कंगना रनौत ने हाल ही में अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने उनसे कृषि कानूनों के बारे में कई सवाल पूछे। उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों को तीनों कृषि कानूनों को वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करनी चाहिए। कंगना के इस बयान से कई लोगों को निराशा हुई।

कंगना रनौत का कृषि कानूनों पर बयान

प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशीलता को सलाम कंगना रनौत ने हाल ही में कृषि कानूनों पर अपना विचार रखते हुए कहा कि जब ये कानून लागू किए गए थे, तो बहुत सारे लोगों ने उनका समर्थन किया था। लेकिन बड़ी ही संवेदनशीलता और सहानुभूति से हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिए थे। इस बात पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि अब हम सभी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा रखें। कंगना ने अपने बयान में किसान आंदोलन और सरकार के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर भी अपना विचार रखा।

BJP की कार्यकर्ता भी हूं- कंगना 

कंगना ने कहा कि मुझे यह बात ध्यान में रखनी होगी कि मैं अब केवल एक कलाकार नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता भी हूं, और मेरे विचार केवल मेरे व्यक्तिगत नहीं होने चाहिए। पार्टी का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है, इसलिए अगर मैंने अपने शब्दों और अपने विचारों से किसी को निराश किया है, तो मुझे इसके लिए खेद है। मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।

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