पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के सुरक्षित पृथ्वी पर लौटने के बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है। बुधवार को विधानसभा में दिए गए अपने संबोधन में ममता बनर्जी ने सुनीता के साहस, धैर्य और कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता की सराहना की। उन्होंने इस सम्मान की मांग करते हुए भारत की दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का भी उल्लेख किया, जिनकी अंतरिक्ष मिशन के दौरान मृत्यु हो गई थी।
सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष यात्रा
सुनीता विलियम्स ने पिछले वर्ष 5 जून को अंतरिक्ष की यात्रा शुरू की थी। यह मिशन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर केवल आठ दिनों के लिए निर्धारित था, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण यह मिशन नौ महीने लंबा खिंच गया। अंतरिक्ष यान में लगातार तकनीकी खराबियां आने के कारण उनकी पृथ्वी पर वापसी की तिथि कई बार स्थगित हुई। लगभग 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद बुधवार को सुबह 3:27 बजे (भारतीय समयानुसार) वह सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटीं।
इस लंबी और कठिन यात्रा ने न केवल अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक मिसाल पेश की बल्कि सुनीता विलियम्स को वैश्विक स्तर पर और अधिक पहचान दिलाई। ममता बनर्जी ने कहा, "हमारी भारत की बेटी सुरक्षित वापस लौट आई है। उनके साहस और धैर्य ने हमें गर्व का अनुभव कराया है।"
विपक्ष का विरोध और आरोप
मुख्यमंत्री की इस मांग पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उन्होंने सुनीता विलियम्स का नाम गलत लेकर 'सुनीता चावला' कहा। शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "यह बंगाल की प्रतिष्ठा पर धब्बा है कि राज्य की मुख्यमंत्री अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व्यक्ति का नाम भी सही से नहीं जानतीं। उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।"
शुभेंदु अधिकारी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस तेज हो गई। कुछ इसे मुख्यमंत्री की अज्ञानता मानते हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक साजिश का हिस्सा बता रहे हैं।
राजनीतिक दृष्टिकोण
सुनीता विलियम्स को भारत रत्न देने की मांग को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह मांग देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों का सम्मान करने का एक अच्छा कदम है, जबकि कुछ इसे सिर्फ राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास बता रहे हैं। ममता बनर्जी के इस कदम को जहां एक ओर महिला सशक्तिकरण और प्रेरणा के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे राजनीतिक स्वार्थ का हिस्सा मान रहे हैं।
भारत रत्न की मांग पर विवाद
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो किसी व्यक्ति की असाधारण सेवा या उपलब्धियों के लिए दिया जाता है। सुनीता विलियम्स, जो कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA की अंतरिक्ष यात्री हैं, को भारत रत्न देने की मांग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मुद्दे पर जनता की राय भी बंटी हुई है। कुछ लोग ममता बनर्जी के इस कदम को सही ठहरा रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया कदम मानते हैं।