उत्तराखंड के चमोली जिले में बुधवार को एक भयावह हिमस्खलन की घटना सामने आई, जिसमें बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) के 57 मजदूर बर्फ में फंस गए। इनमें से 10 को अब तक सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि बाकी मजदूरों को बचाने के लिए बड़े स्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा हैं।
माणा क्षेत्र में हुआ हादसा, बचाव में आ रही मुश्किलें
यह हादसा चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुआ, जहां बीआरओ की टीम बद्रीनाथ हाईवे के निर्माण कार्य में जुटी थी। इसी दौरान अचानक हिमस्खलन हुआ और दर्जनों मजदूर बर्फ में दब गए। भारी बर्फबारी और प्रतिकूल मौसम के कारण राहत एवं बचाव दल को मौके पर पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं।
सूचना मिलते ही सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर भेजी गई हैं। हालांकि, इलाके में भारी बर्फबारी के चलते बचाव कार्य में बाधा आ रही है। चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने बताया कि ग्लेशियर फटने की वजह से संचार व्यवस्था ठप हो गई है, जिससे फंसे हुए मजदूरों से संपर्क नहीं हो पा रहा हैं।
हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पा रहे
बर्फबारी के चलते हेलीकॉप्टर ऑपरेशन भी संभव नहीं हो पा रहा है। इस वजह से बचाव टीमों को पैदल और अन्य माध्यमों से आगे बढ़ने की कोशिश करनी पड़ रही है। बीआरओ के अधिशासी अभियंता सीआर मीना के मुताबिक, मौके पर एंबुलेंस भेजी गई हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण रेस्क्यू टीम को मौके तक पहुंचने में दिक्कत हो रही हैं।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण कई सड़कें बाधित हो गई हैं, जिन्हें जल्द से जल्द बहाल करने का प्रयास किया जा रहा हैं।
अभी हताहतों की कोई पुष्टि नहीं
फिलहाल, किसी मजदूर के हताहत होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन मजदूरों को सुरक्षित निकालने की कोशिशें जारी हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए गढ़वाल 9 ब्रिगेड और बीआरओ के जवान जुटे हुए हैं। इस घटना के बाद चमोली के लोग डरे हुए हैं, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से लगातार हिमस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं।