गुजरात में राजकोट लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार केंद्रिय मंत्री परशोत्तम रूपाला की रजवाड़ों पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद क्षत्रिय गुट लगातार उनका विरोध कर रहा है। वहीं, अब पाटीदार समाज परशोत्तम रूपाला के समर्थन में उतर आया है।
क्षत्रिय vs पाटीदार: रजवाड़ों पर टिप्पणी करने के मामले में केंद्रीय मंत्री और गुजरात के राजकोट से भाजपा उम्मीदवार परशोत्तम रुपाला की रजवाड़ों पर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर क्षत्रिय समाज से भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि क्षत्रिय समाज में आक्रोश बढ़ता देख रुपाला आज दिल्ली कैबिनेट की बैठक खत्म कर अहमदाबाद पहुंचे।
रूपला के समर्थन में पाटीदार समाज
क्षत्रीय समाज के विरोध की वजह से गुजरात में भाजपा पहले से दबाव में है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री रूपाला के समर्थन में पाटीदार संस्थाओं की अग्रणियों की मीटिंग शुरू की गई है। पाटीदार के लोगों का कहना है कि रुपाला ने पहले ही क्षत्रीय समाज से तीन बार माफ़ी मांग ली है। ऐसी स्थिति में उनका विरोध करना और उनको उम्मीदवार नहीं बनाने की जिद्द सही नहीं है।
क्षत्रीय समाज ने भी समर्थन व्यक्त किया: रुपाला
केंद्रीय मंत्री रुपाला ने subkuz.com की टीम को बताया कि हमारे क्षत्रिय नेताओं की बैठक सुचारु रही है, उसके बारे में अधिक जानकारी हमारे नेताओं को है। इस विवाद पर चर्चा करना सही नहीं है। परशोत्तम रूपाला ने मिडिया को बताया कि सिर्फ पाटीदार ही नहीं, बल्कि तमाम समाज उनके समर्थन में हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा,'क्षत्रिय समाज ने भी मेरे प्रति अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया है, उनके नाम पहले भी दिए गए हैं और मैं अब भी दे सकता हूं, लेकिन मेरा इरादा इस विवाद को बढ़ाना नहीं है। उनका कहना है कि मैं पहले भी अपने विचार मीडिया के सामने रख चुका हूं, अब मैं इसमें कोई अतिरिक्त विषय जोड़ना नहीं चाहता।'
मंत्री ने रजवाड़ों के लिए दिया था बयान
subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, 23 मार्च को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रूपाला को राजकोट में आयोजित एक दलित कार्यक्रम में बोलते हुए दिखाया गया। कथित तौर पर उन्होंने कहा था कि, 'दूसरे ने भी हम पर राज किया। अंग्रेजों ने भी ऐसा ही किया और...उन्होंने हमें सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राजा भी उनके सामने झुक गये। उनके (अंग्रेजों) साथ रोटियां तोड़ीं और अपनी बेटियों की शादी उनसे की। लेकिन हमारे दलित समुदाय ने न अपना धर्म बदला और न ही अंग्रेजों के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित किए, जबकि उन पर सबसे अधिक अत्याचार किया गया है।' मंत्री के इस बयान पर क्षत्रिय संगठनों ने आक्रोश व्यक्त किया। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में रूपाला के पुतले जलाए गए। बता दें कि वर्तमान में परशोत्तम रूपाला (कड़वा पाटीदार समुदाय) राज्यसभा सांसद हैं।