अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान टेस्ला के CEO एलन मस्क को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी। ट्रंप ने मस्क को अमेरिकी राष्ट्रपति के तहत एक महत्वपूर्ण 'समिति' का सदस्य नियुक्त किया, जिसे "America First Energy Advisory Committee" कहा गया।
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए एक बड़ा ऐलान किया है, जिसमें मशहूर उद्योगपति एलन मस्क को अहम भूमिका दी गई है। मस्क, जो टेस्ला के CEO हैं और ट्रंप के चुनाव अभियान में उनके मजबूत समर्थक रहे हैं, को अब एक नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। ट्रंप ने उन्हें और भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी को मिलकर "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" (डीओजीई) की अगुवाई करने का आदेश दिया है। यह विभाग सरकारी खर्चे कम करने और अमेरिका के सरकारी कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से स्थापित किया जा रहा हैं।
ट्रंप ने इस नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा, "मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि एलन मस्क, अमेरिकी देशभक्त विवेक रामास्वामी के साथ मिलकर 'डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी' (डीओजीई) का नेतृत्व करेंगे।" इस घोषणा के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में मस्क को न केवल अमेरिकी उद्योग और विज्ञान में अपनी विशेषज्ञता दिखाने का मौका मिलेगा, बल्कि वह सरकार के खर्चों को कम करने और देश को मुनाफे में लाने के लिए भी अहम भूमिका निभाएंगे।
एलन मस्क और विवेक रामास्वामी साथ निभाएंगे यह जिम्मेदारी
डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" (डीओजीई) के लिए नियुक्त करते हुए अमेरिकी प्रशासन में सरकारी नौकरशाही को खत्म करने, अतिरिक्त नियमों को कम करने, और सरकारी खर्चों में कटौती करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। ट्रंप ने इस जिम्मेदारी को सौंपते हुए कहा, "ये दोनों मिलकर मेरे प्रशासन के लिए सरकारी नौकरशाही को खत्म करने, अतिरिक्त नियमों को कम करने, व्यर्थ व्यय में कटौती करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जो 'अमेरिका बचाओ आंदोलन' के लिए आवश्यक हैं।"
इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद, एलन मस्क ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इससे व्यवस्था और सरकारी बर्बादी में शामिल किसी भी व्यक्ति को धक्का लगेगा, जो कि काफी लोग हैं।" उनका यह बयान इस बात को दर्शाता है कि मस्क का उद्देश्य सरकारी कामकाज में सुधार लाना और उसे ज्यादा प्रभावी बनाना है, जो बहुत से लोगों के लिए एक चुनौतीपूर्ण बदलाव हो सकता हैं।
क्या हैं "द मैनहट्टन प्रोजेक्ट"
डोनाल्ड ट्रंप ने जिस मिशन का जिम्मा एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को सौंपा है, उसे "द मैनहट्टन प्रोजेक्ट" की संज्ञा दी है, जो एक ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी परियोजना को दर्शाता है। मैनहट्टन प्रोजेक्ट द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा चलाया गया एक अभूतपूर्व और गोपनीय कार्यक्रम था, जिसके तहत नाजी जर्मनी से पहले परमाणु हथियार का विकास किया गया था। ट्रंप ने इस संदर्भ में कहा कि यह मिशन भी उसी तरह का निर्णायक और क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला होगा, जैसा मैनहट्टन प्रोजेक्ट था।
ट्रंप ने बताया कि "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" (डीओजीई) का उद्देश्य सरकार की कार्यकुशलता में सुधार लाना और संरचनात्मक बदलाव लाना है। यह विभाग व्हाइट हाउस और बजट कार्यालय के साथ साझेदारी करके बड़े पैमाने पर सरकारी सुधार करेगा। ट्रंप ने कहा, "रिपब्लिकन नेताओं ने लंबे समय से डीओजीई का सपना देखा है," और अब इस उद्देश्य की ओर कदम बढ़ाया गया हैं।
इस पहल के जरिए मस्क और रामास्वामी को यह जिम्मा सौंपा गया है कि वे संघीय सरकारी कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता लाएं, साथ ही "6.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर" के सरकारी खर्च में मौजूद बर्बादी और धोखाधड़ी को खत्म करें। ट्रंप का मानना है कि इससे "अमेरिकियों के जीवन को बेहतर बनाना" और सरकारी खर्च को ज्यादा प्रभावी बनाना संभव होगा।