First Female President of Mexico: मेक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं Claudia Sheinbaum Pardo, शपथ लेते ही इस बात की खाई कसम

First Female President of Mexico: मेक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं Claudia Sheinbaum Pardo, शपथ लेते ही इस बात की खाई कसम
Last Updated: 7 घंटा पहले

अमेरिकी महाद्वीप के देश मेक्सिको में क्लाउडिया शीनबाम ने देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। वे मेक्सिको की 66वीं राष्ट्रपति और पहली महिला राष्ट्रपति हैं, और उनका कार्यकाल 6 साल का रहेगा। राजनीति में आने से पहले शीनबाम एक वैज्ञानिक थीं। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने देश में बड़े बदलाव लाने की कसम खाई है। इसके अलावा, वे मेक्सिको सिटी की पूर्व महापौर भी रह चुकी हैं, जहां उन्होंने कई सुधारों को लागू किया था।

मेक्सिको: क्लाउडिया शीनबाम के राष्ट्रपति बनने से मेक्सिको में ऐतिहासिक परिवर्तन आया है, क्योंकि वे देश की पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उनकी शपथ के साथ ही यह उम्मीद जताई जा रही है कि वे मेक्सिको के सामने खड़ी चुनौतियों, विशेषकर आपराधिक हिंसा और सामाजिक असमानता, को संबोधित करने के लिए ठोस कदम उठाएंगी। शीनबाम ने अपने कार्यकाल के दौरान सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में काम करने का वादा किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता मेक्सिको की जनता की सुरक्षा और कल्याण होगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वे सामाजिक नीति का इस्तेमाल कर देश में आर्थिक और सामाजिक सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

क्लाउडिया शीनबाम का राष्ट्रपति बनना न केवल मेक्सिको के लिए, बल्कि पूरे लैटिन अमेरिका के लिए एक प्रेरणादायक कदम है, जो महिलाओं की राजनीति में भागीदारी को बढ़ावा देता है। उनका नेतृत्व इस बात का प्रतीक है कि महिलाएं उच्चतम राजनीतिक पदों पर भी सफलता हासिल कर सकती हैं।

राजनीति में आने से पहले क्या थीं क्लाउडिया शीनबाम?

क्लाउडिया शीनबाम का राष्ट्रपति बनना मेक्सिको के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने आंद्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर की जगह ली, जो पिछले राष्ट्रपति थे। शीनबाम ने पहले मेक्सिको सिटी की मेयर के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का संचालन किया। उनकी पृष्ठभूमि एक साइंटिस्ट के रूप में भी उल्लेखनीय है, जो यह दर्शाता है कि वे वैज्ञानिक सोच और तथ्यों के आधार पर निर्णय लेने में विश्वास रखती हैं। क्लाउडिया शीनबाम का छह साल का कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब मेक्सिको को कई सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में हिंसा और अपराध को नियंत्रित करना, सामाजिक नीतियों को लागू करना और आर्थिक सुधार करना शामिल हैं।

यहूदी पृष्ठभूमि से विलॉन्ग करती हैं शीनबाम

क्लाउडिया शीनबाम मेक्सिको की पहली यहूदी पृष्ठभूमि की राष्ट्रपति हैं, जो एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति आंद्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर की नीतियों के खिलाफ चुनाव लड़ा और अपने दृष्टिकोण को जनता के सामने रखा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें जीत मिली। हालांकि, उनके लिए अब देश में मौजूद हिंसा, माफिया और ड्रग कार्टेल जैसी चुनौतियों का सामना करना एक बड़ा कार्य होगा। मेक्सिको लंबे समय से माफियाराज और हिंसक अपराधों के लिए जाना जाता है, जो सरकार के लिए स्थिरता और विकास में बाधा उत्पन्न करता हैं।

शीनबाम को अपने कार्यकाल में इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने की आवश्यकता होगी। उनका सामाजिक नीति के माध्यम से हिंसा और अपराध को खत्म करने का वादा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उनकी चुनौतियों के बावजूद, उनकी पृष्ठभूमि और पहले के अनुभवों से उम्मीद की जा सकती है कि वे मेक्सिको के लिए सकारात्मक बदलाव लाने में सफल होंगी।

शपथ लेते ही इस बात की खाई कसम

क्लाउडिया शीनबाम का राष्ट्रपति बनने के बाद पहला दौरा अकापुल्को के सी बीचेस पर होगा, जो हाल ही में आई बाढ़ से बर्बाद हो गया था। यह दौरा न केवल आपदा प्रबंधन के लिए उनकी प्राथमिकता को दर्शाएगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि वे देश की अर्थव्यवस्था की समस्याओं को गंभीरता से ले रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शीनबाम के लिए मेक्सिको में माफिया और अपराध से निपटना आसान नहीं होगा। लंबे समय से चले आ रहे माफियाराज और संगठित अपराधों का जड़ से खत्म करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जो कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि पुलिस बल की दक्षता, न्याय प्रणाली की मजबूती और सामुदायिक सहयोग।

शीनबाम को अपनी नीतियों को लागू करने के लिए व्यापक समर्थन जुटाना होगा, ताकि वे अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर सकें। इसके साथ ही, उन्हें समाज में विकास और आर्थिक स्थिरता लाने के लिए भी कदम उठाने होंगे, ताकि लोग अपराध की ओर आकर्षित न हों। उनकी अध्यक्षता के पहले दिनों में ही इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं।

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