स्पेसएक्स के स्टारशिप रॉकेट का परीक्षण रविवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस परीक्षण का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होते ही, आनंद महिंद्रा ने इसे साझा करते हुए एलन मस्क की जमकर सराहना की।
Space: स्पेसX के 5वें स्टारशिप के लॉन्च ने एक नया इतिहास रच दिया है। इस लॉन्च के दौरान ऐसा देखने को मिला जो पहले कभी नहीं हुआ था। दरअसल, रॉकेट की इस लॉन्चिंग में सबसे विशेष बात इसकी सफल लैंडिंग थी। ज्ञात हो कि स्टारशिप प्रोजेक्ट के तहत, एलोन मस्क का लक्ष्य यह है कि वह अपनी कंपनी SpaceX के माध्यम से ऐसे रॉकेट का निर्माण करें, जो लॉन्च होने के बाद अंतरिक्ष में अपना कार्य समाप्त करके वापस लॉन्चिंग पैड पर लौट सके।
इसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत, SpaceX ने पांचवी बार स्टारशिप रॉकेट का परीक्षण किया। इस सफल परीक्षण में, रॉकेट आसमान में जाने के बाद पुनः अपने लॉन्चिंग पैड पर लौट आया और जैसे ही वह पास आया, लॉन्च पैड के मैकेनिकल आर्म्स Mechazilla ने उसे हवा में पकड़ लिया। इस सफल परीक्षण ने यह साबित कर दिया कि स्पेसएक्स भविष्य में इसी तकनीक का उपयोग करेगा।
लैंडिंग के लिए मैकेनिकल आर्म्स का इस्तेमाल
पांचवे स्टारशिप के लॉन्च और लैंडिंग का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि लॉन्चिंग के बाद स्टारशिप रॉकेट आसमान में उड़ान भरता है और उसका बूस्टर वापस धरती पर लौटकर लॉन्चिंग पैड के मैकेनिकल आर्म्स में स्वतः फिट हो जाता है। स्पेसएक्स के सीईओ और मालिक इलोन मस्क ने इस बार टेस्टिंग के दौरान इंजीनियरों के लिए चुनौतियों को और बढ़ा दिया था।
इस बार रॉकेट बूस्टर की लैंडिंग के लिए मैकेनिकल आर्म्स का सहारा लिया गया। लॉन्च पैड में विशाल और मजबूत आर्म्स स्थापित किए गए थे, जो बूस्टर को अपने आप किसी चॉपस्टिक की तरह अपनी बाहों में समेट लेते हैं। मेकाजिला एक प्रकार की मैकेनिकल बांहें हैं, जो रॉकेट बूस्टर के नजदीक आते ही उसे पकड़ लेती हैं।
SpaceX ने बताया ऐतिहासिक दिन
कैलिफोर्निया के हॉथोर्न स्थित स्पेसएक्स के मुख्यालय से केट टाइस ने कहा, "मित्रों, आज इंजीनियरिंग के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।" स्पेसएक्स ने यह भी बताया कि बूस्टर और प्रक्षेपण टॉवर दोनों को उचित और स्थिर स्थिति में होना आवश्यक है, अन्यथा परिणाम पिछले प्रक्षेपण की तरह ही हो सकता है। इस प्रक्षेपण के दौरान, सुपर हेवी बूस्टर को अंतरिक्ष में भेजा गया और इसे प्रक्षेपण स्थल पर वापस लाकर टॉवर पर सफलतापूर्वक उतारा गया।