सिंगापुर के भारत में उच्चायुक्त साइमन वोंग ने गुरुग्राम के एक लोकप्रिय कैफे 'चायोस' में 169 रुपये की चाय को बेस्वाद बताया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में कुल्हड़ में दी गई चाय की तस्वीर साझा करते हुए कहा, "मैंने गुरुग्राम में एक कप बेस्वाद चाय पी।" इस पोस्ट पर उन्होंने चाय के महंगे होने और स्वादहीन होने की शिकायत की।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
साइमन वोंग के पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। कई यूजर्स ने उन्हें भारत की सड़क किनारे मिलने वाली देसी चाय का स्वाद लेने की सलाह दी। एक यूजर ने कहा, "25 रुपये की देसी चाय पीजिए, आप खुश हो जाएंगे।" वहीं, कुछ ने चायोस जैसी जगहों को उनके "प्रीमियम अनुभव" के लिए जाना जाता है, न कि खाने-पीने की गुणवत्ता के लिए।
चायोस के सीईओ का निमंत्रण
यह विवाद चायोस के सीईओ नितिन सलूजा तक पहुंचा। उन्होंने साइमन वोंग को जवाब देते हुए कहा, "भारत-सिंगापुर की गहरी दोस्ती के नाम पर, मैं आपको अपने किसी भी नजदीकी चायोस में चाय का आनंद लेने का निमंत्रण देता हूं। मैं आपको हर चाय को सही तरीके से परोसने की हमारी प्रतिबद्धता के बारे में बताना चाहूंगा।"
घरेलू चाय का मिला निमंत्रण
साइमन वोंग ने सीईओ के निमंत्रण का स्वागत किया और कहा कि उन्हें घर में बनी भारतीय चाय का स्वाद लेने के लिए कई आमंत्रण मिले हैं। उन्होंने कहा, "भारत की मेहमाननवाजी के लिए मैं सभी का आभारी हूं।"
भारत-सिंगापुर की दोस्ती पर जोर
इस पूरे मामले में जहां कुछ लोगों ने इसे चाय के स्वाद से जुड़ा मुद्दा माना, वहीं कई लोगों ने इसे भारत और सिंगापुर की दोस्ती की नजर से देखा। चायोस ने अपने बयान में भारतीय मेहमाननवाजी और उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
चाय पर चर्चा, दोस्ती का संदेश
यह मामला केवल एक कप चाय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भारत की चाय संस्कृति, सादगी और मेहमाननवाजी की चर्चा का विषय बन गया। साइमन वोंग के पोस्ट ने लाखों लोगों का ध्यान खींचा और भारत की चाय की विविधता को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दी।