भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में अगले 15 दिनों तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। 15 अक्टूबर से राजधानी में गुलाबी ठंड का अहसास होने लगेगा। दिवाली के बाद, यानी नवंबर के पहले सप्ताह से सर्दी के शुरू होने की उम्मीद है।
इन दिनों देश के विभिन्न राज्यों में मौसम में परिवर्तन का अनुभव किया जा रहा है। एक ओर, दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत से मानसून विदाई ले चुका है। वहीं, दक्षिण भारत के तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर भारत, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में फिर से बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके अलावा, राजधानी दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में दिन गर्म और रातें ठंडी होने लगी हैं। अगले सप्ताह के भीतर ठंड का आगमन भी हो सकता है।
15 अक्टूबर से गुलाबी ठंड की शुरुआत
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में अगले 15 दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है। बल्कि, 15 अक्टूबर से राजधानी में ठंडी हवाओं का आगमन शुरू हो जाएगा। दिवाली के बाद, यानी नवंबर के पहले सप्ताह से दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत होने की उम्मीद है। 21 से 22 अक्टूबर के बीच दिन के तापमान में गिरावट देखी जाएगी।
सामान्यत: उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत नवंबर के पहले सप्ताह से होती है, लेकिन तापमान में गिरावट अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से ही शुरू हो जाती है। यह स्थिति उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भी देखी जा रही है। दूसरी ओर, बिहार और झारखंड के बड़े हिस्से में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां बारिश का सिलसिला देखने को मिल सकता है।
उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत के राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में ठंड का मौसम शुरू होने लगा है। इसी प्रकार, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी तापमान में गिरावट देखी जा रही है। आने वाले हफ्तों में राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी तापमान में तेजी से कमी आ सकती है। खासकर हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जिससे उत्तरी भारत में ठंड का प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है।
दक्षिण में बारिश, उत्तर भारत पर प्रभाव न्यूनतम
मौसम के महानिदेशकमृत्युंजय महापात्रा के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव के क्षेत्रों का उत्तर भारत के राज्यों पर सीमित प्रभाव पड़ेगा। इस स्थिति का असर केवल तटीय क्षेत्रों और कुछ दक्षिणी राज्यों में बारिश के रूप में देखने को मिलेगा। उत्तरी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों पर इसका प्रभाव सीमित रहेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में एक सर्कुलेशन विकसित हो चुका है, जो रविवार की सुबह तक गहरा निम्न दबाव में बदल जाएगा, लेकिन इससे भारत को कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसकी दिशा ओमान की ओर है। इसके अलावा, दक्षिण बंगाल की खाड़ी में एक और निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की प्रक्रिया में है, जिसका अध्ययन किया जा रहा है। अगले कुछ घंटों में इसके चक्रवात में बदलने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
इसका सबसे अधिक प्रभाव आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु पर पड़ सकता है। यदि बंगाल की खाड़ी में गतिविधियाँ तेज होती हैं, तो तापमान में तेजी से गिरावट नहीं आएगी, लेकिन मानसून की वापसी कुछ दिनों के लिए स्थगित हो सकती है।
इन राज्यों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा
भारत मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अगले एक या दो दिनों में लक्षद्वीप, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल और माहे के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके साथ ही, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, उत्तर आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस सप्ताह तेलंगाना में भी छिटपुट से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में भी कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, और अगले 5 दिनों के दौरान इन क्षेत्रों में छिटपुट हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रह सकता है। इस सप्ताह के दौरान पूर्वी भारत, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। इसके अलावा, महाराष्ट्र और गुजरात के कई जिलों में भी बारिश का अनुमान है।