Weather Update: कड़ाके की ठंड के लिए तैयार रहें! मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान

Weather Update: कड़ाके की ठंड के लिए तैयार रहें! मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान
Last Updated: 01 अक्टूबर 2024

मौसम वैज्ञानिक यूपी शाही ने बताया कि 10 अक्टूबर तक तापमान बढ़ेगा, जिसके बाद ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा। इस साल सितंबर में 282 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 135 प्रतिशत अधिक है। आमतौर पर सितंबर में 119 मिलीमीटर बारिश होती है। हाल के दिनों में बादल तो छाए रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई, जो गन्ने और अन्य फसलों के लिए लाभदायक साबित हुआ है।

मेरठ: वर्ष 2024 का मानसून सीजन सोमवार को समाप्त हो जाएगा। इस बार मानसून का आगमन तय समय से पहले हो गया था और यह अक्टूबर के पहले सप्ताह में विदा होगा। जनपद में चार माह के मानसून के दौरान कुल बारिश सामान्य से आठ प्रतिशत कम रही, जबकि शहर में बारिश का आंकड़ा सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक दर्ज किया गया। गत वर्ष यह स्थिति इसके विपरीत थी।

शहर में सामान्य से कम बारिश

शहर में बारिश की मात्रा कम रही, जबकि समग्र जनपद में बारिश अधिक हुई है। अगले 10 दिनों तक सूरज की तेज रोशनी बनी रहेगी। इसके बाद ठंड का असर धीरे-धीरे महसूस होने लगेगा। मौसम विज्ञानियों ने इस बार ठंड के तीव्र होने की संभावना व्यक्त की है। 1 जून से अब तक शहर में 802 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जबकि सरधना, मवाना और मेरठ तहसील में मिलाकर कुल बारिश 597 मिलीमीटर ही रिकॉर्ड की गई है।

भारी बारिश का रहा अभाव

दो दिन से आसमान में बादल छाए हुए हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी को छोड़कर बारिश नहीं हुई है। वहीं, मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का सामना किया गया है, जिसके चलते तापमान में हल्की राहत बनी हुई है। रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम, 32.7 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मेरठ में औसत 647 मिलीमीटर बारिश दर्ज

सामान्य रूप से मेरठ में 647 मिलीमीटर बारिश होती है। 30 अगस्त तक जनपद में 383 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जो सामान्य से 28 प्रतिशत कम थी। हालांकि, सितंबर में बारिश के आंकड़ों में सुधार हुआ है, और अब जनपद में सिर्फ आठ प्रतिशत बारिश की कमी रह गई है, जबकि शहर में 23 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है।

आज से समाप्त हुआ मानसून सीजन

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी, प्रोफेसर यूपी शाही ने जानकारी दी है कि 30 सितंबर को मानसून का मौसम समाप्त हो जाएगा। हालांकि, अक्टूबर के पहले सप्ताह से मानसून की वापसी होगी। एक अक्टूबर से होने वाली वर्षा को पोस्ट मानसून वर्षा के रूप में रिकॉर्ड किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सितंबर में अधिक वर्षा होने के कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार ठंड का मौसम अधिक तीव्र होगा। इस वर्ष ला नीना का प्रभाव भी सक्रिय है, और जब भी यह प्रभावी होता है, तब ठंड अधिक महसूस की जाती है।

फसलों पर पड़ सकता है नकारात्मक प्रभाव

प्रोफेसर डा. आरएस सेंगर ने बताया कि सितंबर में अधिक बारिश रवी की फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी। उन्होंने जानकारी दी कि गन्ना और उड़द की बोआई अक्टूबर में की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि मानसून के दौरान अधिकांश समय बादल छाए रहे, जबकि बारिश कुछ ही अवसरों पर हुई है। इस स्थिति का फसलों पर नकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है, खासकर मूंग में, जहां फलियां कम विकसित होंगी। इसके अलावा, पौधों की लंबाई और कमजोर होने के कारण गिरने की संभावना भी बढ़ जाएगी।

पिछले वर्षों के मानसून सीजन की बारिश

मिलीमीटर में  वर्ष | शहर | समग्र जनपद |

| 2024 | 802 | 597 |

| 2023 | 694 | 786 |

| 2022 | 507 | 415 |

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