महाकुंभ 2025 में 'महाराजा' और 'चेतक', पुलिस की पेट्रोलिंग में सुधार

महाकुंभ 2025 में 'महाराजा' और 'चेतक', पुलिस की पेट्रोलिंग में सुधार
Last Updated: 01 अक्टूबर 2024

 

प्रयागराज महाकुंभ सुरक्षा में घोड़ों का दस्तक प्रयागराज महाकुंभ 2024 की सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस ने अपनी ताकत में इजाफा करते हुए घोड़ों को शामिल किया है। इस बार कुंभ क्षेत्र काफी बड़ा है और रेत में गाड़ियों के फंसने की समस्या भी है। ऐसे में घोड़े पुलिस को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तेज़ी से पहुँचने में मदद करेंगे। "महाराजा" और "चेतक" जैसे नामी घोड़ों की टुकड़ी पेट्रोलिंग में शामिल होगी, जो सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत बनाएगी। यह पहल कुंभ मेले में सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

प्रयागराज: दिव्य और भव्य महाकुंभ-2025 में पुलिस के साथ ‘महाराजा और ‘चेतक भी शामिल होंगे। विश्व प्रसिद्ध इस मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए तैयारी की जा रही है। इसके तहत घोड़ों के माध्यम से पेट्रोलिंग करके भीड़ नियंत्रित करने पर और श्रद्धालुओं की सहायता करने पर जोर दिया गया है।

मेला क्षेत्र में सौ घोड़ों की होगी तैनाती

महाकुंभ में सुरक्षा के लिए 100 घोड़ों की तैनाती! इस बार के महाकुंभ में सुरक्षा के लिए एक अनोखा कदम उठाया जा रहा है। करीब 100 घोड़ों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और उन्हें मेला क्षेत्र में तैनात किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस महाकुंभ में क्षेत्रफल का विस्तार हुआ है और पिछले कुंभ के मुकाबले मेला क्षेत्र का आकार बढ़ा है।

इसलिए, इस बार पुलिसिंग के लिए वाहन, तकनीक के साथ-साथ परंपरागत ढंग का भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह कदम इसलिए भी जरूरी है क्योंकि रेत में अक्सर वाहन फंस जाते हैं, जिससे स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं को मदद मिलने में देरी होती है। घोड़ों की तैनाती इस समस्या का समाधान करने में मददगार साबित होगी।

भीड़ में पुलिस वाहन से पेट्रोलिंग में चुनौतियां      

भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में वाहन से पेट्रोलिंग करना हमेशा आसान नहीं होता। इसी को ध्यान में रखते हुए, मेला क्षेत्र में सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा, जिसके लिए घोड़ों का उपयोग किया जाएगा। सुरक्षाकर्मी घोड़े पर सवार होकर पूरी तत्परता के साथ अपनी ड्यूटी निभाएंगे। विशेष रूप से उन सिपाहियों, दीवानों और दारोगाओं को घुड़सवारी की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जो इस क्षेत्र में निपुण हैं, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधाजनक स्थिति उत्पन्न न हो सके।

सभी घोड़ों को दिए जाएंगे विशेष नाम

महाकुंभ के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों और पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों से 100 से अधिक घोड़े लाए जा रहे हैं। इन शानदार घोड़ों में "महाराजा", "चेतक", "बाहुबली" जैसे नाम शामिल हैं। हर एक घोड़े को एक ख़ास नाम दिया गया है और उसी नाम से पुकारा भी जाता है। इन घोड़ों को मेले के शुरू होने से पहले ही क्षेत्र में ले जाकर घुमाया जाएगा ताकि वे अपने नए परिवेश से परिचित हो सकें।

इसके बाद, उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे मेले में सुरक्षा और अन्य कार्यों में सहयोग कर सकें। यह महाकुंभ में घोड़ों की मौजूदगी एक अलग ही रंग और उत्साह का माहौल बनाएगी।

 

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