RPSC भर्ती परीक्षाओं में बायोमेट्रिक सत्यापन लागू, फर्जी उम्मीदवारों पर लगेगी लगाम

RPSC भर्ती परीक्षाओं में बायोमेट्रिक सत्यापन लागू, फर्जी उम्मीदवारों पर लगेगी लगाम
Last Updated: 1 दिन पहले

राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। अब राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं में बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य होगा। इस फैसले को राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत उम्मीदवारों के आधार कार्ड के माध्यम से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा। इस बदलाव से परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट्स और फर्जीवाड़े पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।

क्या है बायोमेट्रिक सत्यापन?

बायोमेट्रिक सत्यापन एक डिजिटल प्रक्रिया है, जिसमें उम्मीदवार के फिंगरप्रिंट, चेहरे की पहचान (फेस रिकग्निशन), और आधार से जुड़ी जानकारी का उपयोग कर उसकी पहचान सत्यापित की जाती है। यह तकनीक उम्मीदवार की वास्तविकता को सुनिश्चित करती है और फर्जी पहचान वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर करती हैं।

क्यों जरूरी हुआ यह कदम?

RPSC की कई पिछली परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट्स यानी ऐसे उम्मीदवार जो किसी और की जगह परीक्षा देते हैं, के मामले सामने आए थे। इसके अलावा, दोहरे आवेदन और जालसाजी जैसी समस्याओं ने भी भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे। इस समस्या को दूर करने के लिए आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन की पहल की हैं।

अब परीक्षा के हर चरण में – आवेदन, लिखित परीक्षा, इंटरव्यू, और दस्तावेज सत्यापन – बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का उपयोग किया जाएगा।

सरकार और आयोग का सहयोग

इस फैसले को लागू करने के लिए राजस्थान सरकार और RPSC ने मिलकर कार्य किया है। सितंबर 2024 में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आधार कार्ड के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन की अनुमति प्रदान की थी। इसके बाद राज्य के कार्मिक विभाग ने भी इस प्रक्रिया को मंजूरी दे दी।

कैसे होगा सत्यापन?

आवेदन के समय ऑनलाइन आवेदन भरते समय उम्मीदवार का आधार सत्यापन होगा।

परीक्षा के दिन परीक्षा केंद्र पर प्रवेश से पहले बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन होगा।

परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं की जांच और अन्य प्रक्रियाओं में भी उम्मीदवार की पहचान सुनिश्चित की जाएगी।

चरणबद्ध सत्यापन लिखित परीक्षा, साक्षात्कार, और काउंसलिंग के दौरान भी यह प्रक्रिया दोहराई जाएगी।

क्या होंगे फायदे?

फर्जीवाड़े पर रोक डमी कैंडिडेट्स और दोहरे आवेदन की समस्या खत्म होगी।

पारदर्शिता भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, जिससे योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा।

विश्वसनीयता परीक्षा प्रणाली पर उम्मीदवारों और समाज का विश्वास बढ़ेगा।

सुरक्षा उम्मीदवार की पहचान से संबंधित डेटा का डिजिटल स्टोरेज सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

आवेदन से नियुक्ति तक होगी निगरानी

आयोग ने स्पष्ट किया है कि बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सिर्फ परीक्षा तक सीमित नहीं रहेगा। आवेदन से लेकर नियुक्ति तक के हर चरण में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इससे भर्ती प्रक्रिया में जालसाजी के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।

नई भर्तियों के लिए आवेदन की जानकारी

इस बीच, RPSC ने एग्रीकल्चर ऑफिसर (AO) भर्ती 2024 के लिए आवेदन की तारीखें बढ़ा दी हैं। उम्मीदवार 13 दिसंबर, 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया RPSC की आधिकारिक वेबसाइट rpsc.rajasthan.gov.in पर पूरी की जा सकती हैं।

शुल्क विवरण

सामान्य/अनारक्षित वर्ग ₹600

आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC/PwD) ₹400

उम्मीदवारों को ध्यान रखना चाहिए कि आवेदन पत्र तभी मान्य होगा, जब शुल्क का भुगतान समय पर किया जाएगा।

उम्मीदवारों के लिए सलाह

RPSC ने उम्मीदवारों से आग्रह किया है कि वे परीक्षा से संबंधित हर जानकारी के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट पर ही भरोसा करें। किसी भी फर्जी वेबसाइट या अफवाहों से बचने की सलाह दी गई हैं।

राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा बायोमेट्रिक सत्यापन की शुरुआत एक साहसिक और सराहनीय कदम है। इससे न केवल परीक्षा प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि योग्य उम्मीदवारों को उनके अधिकार मिलेंगे। यह पहल देशभर के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती हैं।

अब देखना होगा कि यह नई प्रक्रिया कैसे लागू होती है और परीक्षा प्रणाली में क्या सकारात्मक बदलाव लाती हैं।

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