स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में पिछले दस सालों में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जिनसे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल रही है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में इन सुधारों पर एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें बीते दशक में हुए बदलावों की पूरी जानकारी दी गई। मंत्री ने बताया कि 2004 से 2014 तक स्कूली शिक्षा में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ था, लेकिन 2014 से 2024 के बीच शिक्षा क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए मील का पत्थर साबित हुए हैं।
आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में क्या खास था
1. बिजली कनेक्शन
स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में पहला बड़ा सुधार था स्कूलों में बिजली कनेक्शन की उपलब्धता। 2004-2014 तक केवल 53% स्कूलों में बिजली का कनेक्शन था, लेकिन 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर 93% हो गया है। यह बदलाव छात्रों के लिए बेहतर सुविधाओं की ओर एक बड़ा कदम है, जिससे स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ हैं।
2. कंप्यूटर की उपलब्धता
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव हुए हैं। 2014 से पहले के वर्षों में कंप्यूटर की उपलब्धता बहुत कम थी, लेकिन आज 57.2% स्कूलों में कंप्यूटर उपलब्ध हैं। यह छात्रों को तकनीकी शिक्षा की ओर बेहतर अवसर प्रदान करता है और उन्हें भविष्य की तकनीकी दुनिया के लिए तैयार करता हैं।
3. इंटरनेट कनेक्टिविटी
पिछले एक दशक में इंटरनेट कनेक्टिविटी में भी शानदार वृद्धि हुई है। 2013-2014 में स्कूलों में इंटरनेट का उपयोग केवल 7.3% था, जबकि अब यह आंकड़ा 57% तक पहुंच चुका है। शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि जल्द ही सभी स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध होगा, जिससे छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल संसाधनों का उपयोग और भी आसान हो जाएगा।
4. हैंडवॉश सुविधाएं
स्वच्छता के मामले में भी बड़े सुधार हुए हैं। 2013 में केवल 43.1% स्कूलों में हैंडवॉश की सुविधा थी, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 95% हो चुका है। इससे छात्रों को स्वच्छता की आदत डालने और स्वस्थ रहने में मदद मिल रही हैं।
5. पुस्तकालय सुविधाएं
पुस्तकालय का महत्व छात्रों की शिक्षा में बहुत अधिक है, और इसमें भी सुधार हुआ है। 2004 में स्कूलों में पुस्तकालय की सुविधाएं केवल 75% स्कूलों में थी, लेकिन अब यह बढ़कर 89% हो गई है। इससे छात्रों को ज्ञानवर्धन के लिए आवश्यक पुस्तकें आसानी से मिल रही हैं और उनकी पढ़ाई में मदद मिल रही हैं।
6. दिव्यांग छात्रों के लिए सुविधाएं
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि दिव्यांग छात्रों के लिए स्कूलों में रैंप जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे उन्हें अपनी शिक्षा में किसी भी तरह की बाधा का सामना न करना पड़े। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में समानता लाने की दिशा में एक अहम कदम हैं।
अभी और सुधार की जरूरत
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि इन सुधारों के बावजूद अभी भी कई जगहों पर शिक्षा के स्तर में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में सरकार और अधिक सुधारों की दिशा में काम करेगी, ताकि हर बच्चे को एक बेहतर और समान शिक्षा मिल सके।
पिछले दस सालों में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में किए गए ये बदलाव न सिर्फ शैक्षिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए हैं, बल्कि यह छात्रों के समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इन सुधारों के जरिए छात्रों को डिजिटल और शारीरिक दोनों रूपों में बेहतर शिक्षा मिल रही है। शिक्षा मंत्री के मुताबिक, इन बदलावों से देशभर में शिक्षा का स्तर ऊपर उठेगा और छात्रों को अधिक समृद्ध और सक्षम बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
शिक्षा क्षेत्र में ये सुधार सरकार की निरंतर कोशिशों का परिणाम हैं और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले सालों में और भी बड़े सुधार होंगे, ताकि हर बच्चा बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके।