Success Story: भारत में बीयर उद्योग में डैनी डेंज़ोंगपा का नाम उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई, बल्कि बीयर के कारोबार में भी अपनी खास जगह बनाई। बॉलीवुड के इस चर्चित अभिनेता ने 1987 में युकसोम ब्रुअरीज की स्थापना की, जो आज भारत की तीसरी सबसे बड़ी बीयर कंपनी बन चुकी है। डैनी का यह सफर सिर्फ फिल्मी पर्दे तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से बीयर बाजार में भी एक अलग मुकाम हासिल किया।
युकसोम ब्रुअरीज की सफलता की कहानी
डैनी डेंज़ोंगपा ने अपनी कंपनी युकसोम ब्रुअरीज की शुरुआत सिक्किम में की थी, और इसे अपने गृहनगर के नाम पर रखा था। युकसोम ब्रुअरीज की वार्षिक उत्पादन क्षमता आज 6.8 लाख हेक्टोलिटर है, जो इसे किंगफिशर और किमाया के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा बीयर ब्रांड बनाता है। इसके अलावा, युकसोम ब्रुअरीज की सहायक कंपनियां भी इस सफलता में अहम भूमिका निभा रही हैं। आज युकसोम के प्रमुख ब्रांडों में हिट, ही-मैन 9000 और डेंनसबर्ग 16000 जैसे नाम शामिल हैं, जो देशभर में पसंद किए जाते हैं।
उत्तर-पूर्वी भारत में विजय माल्या को दी पटखनी
बीयर के कारोबार में एक और दिलचस्प मोड़ तब आया जब विजय माल्या की यूनाइटेड ब्रेवरीज़ ने उत्तर-पूर्वी भारत में विस्तार करने के लिए एक अहम कदम उठाया। विजय माल्या ने ओडिशा की राइनो एजेंसीज को खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन डैनी ने इस स्थिति को समझते हुए उन्हें मात दी। डैनी ने राइनो एजेंसीज से संपर्क किया और माल्या से पहले ही इसे खरीद लिया, जिससे वह उत्तर-पूर्वी भारत में अपनी स्थिति मजबूत कर पाए। इस कदम ने न केवल डैनी को बीयर उद्योग में और मजबूत किया, बल्कि विजय माल्या की कंपनी को उत्तर-पूर्वी बाजार में विस्तार के प्रयासों में भी विफल बना दिया।
स्थानीय लोगों को रोजगार और आर्थिक योगदान
युकसोम ब्रुअरीज सिर्फ एक सफल व्यवसाय नहीं है, बल्कि इसने स्थानीय समुदाय को भी रोजगार दिया है। डैनी की ब्रुअरीज में 250 से अधिक लोग काम करते हैं, और यह हर साल स्थानीय अर्थव्यवस्था में ₹100 करोड़ का योगदान करती है। सिक्किम के छोटे से शहर से शुरू होकर युकसोम ब्रुअरीज ने न सिर्फ बीयर उद्योग में अपनी पहचान बनाई, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के कई अवसर उत्पन्न किए हैं।
बीयर कारोबार की ओर कदम
डैनी का फिल्मी करियर बेहद सफल रहा है, जिसमें उन्होंने अग्निपथ, घातक, खुदा गवाह, और क्रांतिवीर जैसी हिट फिल्मों में अपनी अदाकारी से सभी का दिल जीता। लेकिन अब उनका ध्यान बीयर साम्राज्य को और मजबूत बनाने पर है। युकसोम ब्रुअरीज की सफलता के बाद, डैनी ने इस व्यवसाय को और विस्तार देने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। 1987 में शुरू हुए इस सफर की शुरुआत में उन्होंने अपने उद्योग को सिक्किम से ओडिशा और फिर असम तक विस्तार दिया। आज युकसोम ब्रुअरीज की उत्पादन क्षमता 6.8 लाख हेक्टोलिटर तक पहुंच चुकी है, जो इस क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हैं।
डैनी डेंज़ोंगपा की बिजनेस सेंस
डैनी की व्यवसायिक समझ और उनकी दूरदर्शिता ने उन्हें एक सफल बिजनेसमैन बनने में मदद की है। फिल्मी दुनिया के इस सुपरस्टार ने दिखाया कि यदि मेहनत, ईमानदारी, और सही दिशा में काम किया जाए, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। आज डैनी ना सिर्फ बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता हैं, बल्कि बीयर उद्योग के सफल उद्यमी भी हैं। उनके इस सफर से यह सीखने को मिलता है कि किसी भी व्यवसाय में सफलता पाने के लिए सिर्फ पैसों की जरूरत नहीं होती, बल्कि सही समय पर सही निर्णय और सही कदम भी महत्वपूर्ण होते हैं।
डैनी डेंज़ोंगपा की यह सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि एक अभिनेता से लेकर सफल उद्यमी बनने तक का सफर मेहनत, दृढ़ता और समझदारी से भरा होता है। बीयर उद्योग में विजय माल्या को कड़ी टक्कर देने वाला यह अभिनेता अपनी कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता के कारण उद्योग में एक नई मिसाल कायम कर चुका है। युकसोम ब्रुअरीज का सफर यह साबित करता है कि अगर आप किसी काम में पूरी ईमानदारी और दिल से लग जाएं, तो सफलता आपके कदम चूमेगी।