मुल्तान के मैदान पर पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले के चौथे दिन हैरी ब्रूक ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तिहरा शतक जड़ा। इस पारी के दौरान ब्रूक ने मुल्तान के मैदान पर वीरेंद्र सहवाग के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: इंग्लैंड के 25 वर्षीय खिलाड़ी हैरी ब्रूक ने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में खेले जा रहे टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में तिहरा शतक जड़कर शानदार प्रदर्शन किया। इस ऐतिहासिक पारी के दौरान ब्रूक ने 2004 में वीरेंद्र सहवाग द्वारा इसी मैदान पर बनाए गए 309 रनों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। जब ब्रूक बल्लेबाजी करने आए, तब इंग्लैंड का स्कोर 249/3 था। इसके बाद उन्होंने जो रूट के साथ चौथे विकेट के लिए 454 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की, जिससे इंग्लैंड की टीम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। ब्रूक ने 310 गेंदों में अपने टेस्ट करियर का पहला तिहरा शतक पूरा किया।
टेस्ट मैच में ब्रूक का पहला तिहरा शतक
हैरी ब्रूक ने मुल्तान टेस्ट में तिहरा शतक लगाकर कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। वह इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले छठे बल्लेबाज बन गए हैं और 1990 के बाद यह कारनामा करने वाले पहले इंग्लिश खिलाड़ी हैं। इसके अलावा, ब्रूक इंग्लैंड के लिए तिहरा शतक लगाने वाले लेन ह्यूटन के बाद दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी हैं।
ब्रूक ने टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे तेज तिहरा शतक भी बनाया, जिसमें पहले स्थान पर वीरेंद्र सहवाग का नाम है, जिन्होंने 2008 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 278 गेंदों में 300 रन बनाए थे। इसके अलावा, वह पाकिस्तान के खिलाफ तिहरा शतक लगाने वाले पांचवें खिलाड़ी बन गए हैं, जिसमें पिछली बार यह उपलब्धि वीरेंद्र सहवाग ने इसी मैदान पर हासिल की थी।
जो रुट और ब्रूक के बीच बड़ी साझेदारी
पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में हैरी ब्रूक के तिहरे शतक ने क्रिकेट जगत में धूम मचाई, वहीं जो रूट ने भी चौथे दिन शानदार 262 रनों की पारी खेलकर अपना योगदान दिया। रूट की इस पारी के दौरान उन्होंने कई नए रिकॉर्ड बनाए और दोनों बल्लेबाजों के बीच 454 रनों की साझेदारी इंग्लैंड के लिए किसी भी विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी बन गई है। यह साझेदारी न केवल इंग्लैंड के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने टीम को मजबूत स्थिति में लाने में भी अहम भूमिका निभाई। ब्रूक और रूट की इस जोड़ी ने मिलकर पाकिस्तान के गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक खेल दिखाते हुए इंग्लैंड की पारी को मजबूती प्रदान की।