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Artificial Intelligence: एजुकेशन सेक्टर में AI का गलत तरीके से इस्तेमाल

Artificial Intelligence: एजुकेशन सेक्टर में AI का गलत तरीके से इस्तेमाल

यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया (USC) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एजुकेशन सेक्टर में अधिकांश छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल सीखने के बजाय शॉर्टकट के लिए कर रहे हैं। शिक्षकों का मानना है कि AI रूटीन काम आसान बनाता है और पर्सनलाइज्ड लर्निंग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन प्लेजरिज्म और कम क्रिएटिविटी चिंता का विषय हैं।

AI And Education Sector: यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया (USC) की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि छात्र क्लासरूम और होमवर्क में AI का अधिकतर इस्तेमाल आसान हल पाने के लिए कर रहे हैं, जबकि सीखने की प्रक्रिया में इसका कम उपयोग हो रहा है। अमेरिका, भारत, कतर, कोलंबिया और फिलीपींस के 1,505 शिक्षकों के सर्वे में 72% ने कहा कि AI रूटीन काम को आसान बनाता है और 69% मानते हैं कि यह पर्सनलाइज्ड लर्निंग को बढ़ावा देगा। रिपोर्ट में प्रोफेसरों की भूमिका और AI टूल्स में सुधार की आवश्यकता भी रेखांकित की गई है।

शिक्षकों की राय और वैश्विक डेटा

USC के सेंटर फॉर जेनेरेटिव एआई एंड सोसायटी ने अमेरिका, भारत, कतर, कोलंबिया और फिलीपींस के 1,505 शिक्षकों पर रिसर्च की। रिपोर्ट में दिखाया गया कि शिक्षकों की सबसे बड़ी चिंता प्लेजरिज्म, छात्रों की कम होती क्रिएटिविटी और संस्थानों से असमान सहयोग है।

वहीं आंकड़े बताते हैं कि शिक्षक AI से उम्मीदें भी रखते हैं। 69% टीचर्स मानते हैं कि AI पर्सनलाइज्ड लर्निंग को बढ़ावा देगा। भारतीय शिक्षकों का आत्मविश्वास अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है, हालांकि कक्षाओं में इसका इस्तेमाल अभी सीमित है।

प्रोफेसरों की भूमिका अहम

रिपोर्ट के मुताबिक, जब प्रोफेसर छात्रों को सोच-समझकर AI इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करते हैं, तब स्टूडेंट्स इसे केवल शॉर्टकट के तौर पर नहीं बल्कि सीखने के टूल के रूप में अपनाते हैं। USC के एसोसिएट प्रोफेसर स्टीफन जे एगुइलर का कहना है कि जेनरेटिव AI आ चुका है और इसका असर दिख रहा है।

शिक्षकों की सक्रिय भूमिका छात्रों को AI के सही और नैतिक उपयोग की दिशा में मार्गदर्शन कर सकती है। इससे सीखने की प्रक्रिया गहरी और प्रभावी बन सकती है।

रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि AI टूल्स में रिफ्लेक्शन और रिविजन जैसी खूबियां जोड़ी जानी चाहिए। साथ ही टीचर्स के लिए ट्रेनिंग और स्पष्ट नीतियों की जरूरत है ताकि छात्रों को बराबरी से फायदा मिल सके और शॉर्टकट से ज्यादा सीखने पर जोर दिया जा सके।

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