लखनऊ. मुज़ाहिदीन आर्मी का कथित सरगना रज़ा सोशल मीडिया ग्रुप “मशवरा” के ज़रिए विशेष संदेशों का आदानप्रदान करता था। अब ATS (एंटी टेरर स्क्वॉड) उसकी कथित फंडिंग और उसमें हुए लेन-देन की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस के दावों के मुताबिक, रज़ा ने यह समूह इस्तेमाल कर “संवेदनशील” निर्देश, धन भेजनेलेने और हिंसा की साजिश में हिस्सेदारी की बातें पहुंचाईं। जांच में यह भी शक है कि फंडिंग विदेशी स्रोतों से हो रही थी, जिसका मकसद क्षेत्रीय अशांति फैलाना था।
एक हाई लेवल सूत्र बताता है कि रज़ा ‘मशवरा’ ग्रुप पर नियंत्रण रखता था और उसकी हुक्मनामाशैली की बातें सदस्यों तक पहुंचाता था। अब ATS ने मोबाइल चैट हिस्ट्री, बैंक ट्रां्ज़ैक्शन और ग्रुप सदस्यों के नेटवर्क की पड़ताल तेज़ कर दी है।
स्थानीय पुलिस और खुफिया तंत्र इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि रज़ा का दायरा सिर्फ लखनऊ तक सीमित न रहकर आसपास के जिलों तक फैला हुआ था। फंडिंग नेटवर्क में कई ठिकानों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें अभी खोलने की तैयारी हो रही है।
आगे की जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि रज़ा ने किस मकसद से यह समूह बनाया, किन-किन लोगों को वह निर्देश देता रहा, और किस तरह से पैसा यूज़ किया गया।