अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर, जिसमें उन्होंने भारत के साथ जल्द ही व्यापारिक समझौता होने की बात कही थी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिक्रिया दी है।
India US trade deal: भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते (ट्रेड डील) को लेकर देश की राजनीति और आर्थिक हलकों में जोरदार चर्चा चल रही है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द ही फाइनल हो सकता है। इस बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला आधिकारिक रिएक्शन सामने आया है।
सीतारमण ने साफ शब्दों में कहा कि भारत अमेरिका के साथ एक मजबूत और संतुलित व्यापारिक समझौता करने को तैयार है, लेकिन इसके लिए कुछ अहम शर्तें भी लागू होंगी। उन्होंने कहा कि भारत अपने कृषि (एग्रीकल्चर) और डेयरी सेक्टर की रक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा और इन क्षेत्रों की सीमाओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में सीतारमण ने कहा, “भारत एक बेहतर ट्रेड डील करना चाहेगा, लेकिन शर्तें स्पष्ट होंगी। हमारे कुछ सेक्टरों की सीमाएं तय हैं, खासकर कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में, जहां भारत के किसानों और उत्पादकों के हित सर्वोपरि रहेंगे।
ट्रंप ने जताई थी जल्द सहमति की उम्मीद
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि 8 जुलाई तक भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि आईटी, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और ऑटोमोबाइल सेक्टर भी इस समझौते का हिस्सा हो सकते हैं। ट्रंप के मुताबिक, दोनों देशों के बीच जो अड़चनें थीं, वे भी अब दूर होती दिख रही हैं।
क्यों अहम है भारत-अमेरिका ट्रेड डील?
वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी बताया कि भारत के लिए अमेरिका के साथ व्यापार समझौता क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा, हम जिस मोड़ पर खड़े हैं, और भारत का जो वैश्विक लक्ष्य है, उसे देखते हुए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार समझौते हमें अधिक ताकत देंगे। इससे हमारा निर्यात बढ़ेगा, निवेश बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
वित्त मंत्री ने माना कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और वहां के साथ व्यापारिक सहयोग को और बेहतर करना वक्त की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ इस दिशा में कदम उठा रही है।
किसानों और डेयरी सेक्टर की चिंताएं
हालांकि, सीतारमण ने एक बार फिर दोहराया कि कृषि और डेयरी सेक्टर में किसी भी तरह की छूट बहुत सोच-समझकर ही दी जाएगी। हम अपने किसानों के हितों को ताक पर नहीं रख सकते। किसी भी समझौते में किसानों और छोटे उत्पादकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, उन्होंने कहा। यह बयान ऐसे समय आया है जब किसानों के कई संगठन आशंका जता रहे हैं कि किसी व्यापार समझौते के चलते विदेशों से सस्ते डेयरी उत्पाद या अनाज भारत में आ सकते हैं, जिससे देश के छोटे किसान प्रभावित होंगे।
ट्रंप के बयान के मुताबिक, 8 जुलाई तक दोनों देशों के बीच बातचीत निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकती है। हालांकि, भारत की तरफ से निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए हैं कि सरकार जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करेगी और हर बिंदु पर गहराई से विचार होगा। उन्होंने कहा, हम जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करेंगे। जब तक हमारे हित पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक अंतिम समझौते पर दस्तखत नहीं होगा।