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भारत में लॉन्च हुआ Starlink! बिना टावर और केबल मिलेगा 100 Mbps इंटरनेट

भारत में इंटरनेट रिवोल्यूशन अब एक नए मुकाम पर पहुँच गया है। जहां अब तक गांव-देहात, पहाड़ी क्षेत्र और दुर्गम इलाकों में इंटरनेट एक सपना था, वहीं अब Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा Starlink उस सपने को हकीकत में बदलने आ रही है! Starlink, जो कि SpaceX की परियोजना है, अब भारत में बीटा टेस्टिंग के बाद आधिकारिक रूप से लॉन्च हो चुकी है। 

खास बात ये है कि ये सर्विस टावर, फाइबर केबल या मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर नहीं करती — ये इंटरनेट सीधे उपग्रहों से आपके घर तक पहुंचाती है। अब इंटरनेट सिर्फ शहरों का हक नहीं, गांवों में भी मिलेगा वही स्पीड! – Elon Musk का बयान।

Starlink कैसे काम करता है?

Starlink एक Low Earth Orbit (LEO) सैटेलाइट नेटवर्क है, जिसमें हजारों सैटेलाइट पृथ्वी की निचली कक्षा में घूम रहे हैं। इनसे सिग्नल सीधे एक डिश एंटीना (Starlink Dish) के माध्यम से यूज़र के घर पर आता है। कोई तार, कोई जंजाल नहीं – बस एक डिश, एक पावर सप्लाई और एक राउटर!

  • स्पीड: 50–150 Mbps
  • Latency: सिर्फ 20–40ms
  • Coverage: पूरे भारत में, खासकर रिमोट एरिया में
  • Installation Time: 10-15 मिनट

किन-किन राज्यों में शुरू हो चुकी है सर्विस?

Starlink की प्राथमिक शुरुआत उत्तराखंड, लद्दाख, झारखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे इलाकों में हुई है, जहाँ अभी तक फाइबर नेटवर्क पहुंच नहीं पाया था। सरकार के Digital India 2.0 मिशन के तहत Starlink को ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में तेजी से फैलाने की योजना है।

कीमत कितनी है?

  • Starlink Kit (Dish + Router): ₹45,000 (one-time)
  • Monthly Subscription: ₹2,500 प्रति माह
  • Free Intallation in Priority Areas (सरकारी योजनाओं के तहत)
  • Starlink India के अनुसार, जल्द ही सब्सिडाइज्ड योजनाएं भी लाई जाएंगी जिससे ग्रामीण और मध्यमवर्गीय परिवार भी इस सेवा का लाभ उठा सकें।

क्या फायदा होगा भारत को?

  • गांवों में ऑनलाइन पढ़ाई आसान होगी
  • ऑनलाइन हेल्थ और टेलीमेडिसिन सुविधा
  • रिमोट एरिया में स्टार्टअप्स और डिजिटल बिजनेस को नई उड़ान
  • IT सेक्टर को ग्रामीण भारत से भी टैलेंट मिलेगा
  • डिजिटल गैप में भारी कमी
  • Starlink भारत के डिजिटल डिवाइड को खत्म करने वाला गेमचेंजर है, कहते हैं डिजिटल इंडिया सलाहकार सतीश त्रिवेदी।

चुनौतियां क्या हैं?

  • बारिश और मौसम का असर
  • शुरुआती किट की कीमत ऊँची
  • भारतीय ISP कंपनियों से प्रतिस्पर्धा
  • सरकारी नियम और स्पेक्ट्रम अनुमति की प्रक्रिया

लेकिन SpaceX का कहना है कि वे भारत के लिए कस्टमाइज़्ड तकनीकी समाधान पर काम कर रहे हैं जिससे ये सेवा ज़्यादा सस्ती और टिकाऊ बन सके।अब वो दिन दूर नहीं जब इंटरनेट की केबल या मोबाइल टावर से बंधे रहना गुज़रे ज़माने की बात होगी। Starlink जैसी सैटेलाइट सेवाएं न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में डिजिटल क्रांति ला रही हैं।

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