राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्वतंत्रता दिवस से पहले भारत-पाक सीमा के पास संदिग्ध ड्रोन मिलने से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। बीएसएफ ने ड्रोन को जब्त कर उसकी जांच शुरू कर दी है। सुरक्षा बलों को शक है कि यह ड्रोन पाकिस्तान की ओर से जासूसी के लिए भेजा गया हो सकता है, जिससे सीमा सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
Rajasthan: स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले जैसलमेर के लोंगेवाला क्षेत्र में संदिग्ध ड्रोन मिलने की घटना ने सुरक्षा तंत्र को सक्रिय कर दिया है। बीएसएफ ने ड्रोन को कब्जे में लेकर उसकी उड़ान रेंज और फुटेज की जांच शुरू कर दी है, ताकि इसके स्रोत और उद्देश्य का पता लगाया जा सके। सुरक्षा बलों को शक है कि यह ड्रोन पाकिस्तान की ओर से जासूसी के लिए भेजा गया हो सकता है, जिसके चलते सीमा चौकियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पिछले वर्षों में भी जैसलमेर सीमा पर कई बार संदिग्ध ड्रोन पकड़े जा चुके हैं, जिससे इस इलाके की सुरक्षा चुनौती बनी हुई है।
संदिग्ध ड्रोन पकड़ने पर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
जैसलमेर सीमा पर मिले ड्रोन को लेकर बीएसएफ और स्थानीय पुलिस जांच में जुटी हुई हैं। सुरक्षा बलों को शक है कि यह ड्रोन पाकिस्तान की ओर से जासूसी के मकसद से भेजा गया हो सकता है। इसके चलते सीमा चौकियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित खुफिया गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। ड्रोन की उड़ान रेंज और कैमरा फुटेज की जांच से उसके स्रोत का पता लगाने की कोशिश जारी है।
पहले भी जैसलमेर सीमा पर मिल चुके हैं संदिग्ध ड्रोन
यह कोई नई घटना नहीं है कि जैसलमेर सीमा पर संदिग्ध ड्रोन पकड़े गए हों। पिछले वर्षों में भी कई बार ऐसे ड्रोन बरामद हो चुके हैं। इस बार स्वतंत्रता दिवस से पहले बीएसएफ की सतर्कता के चलते ड्रोन को पकड़ लिया गया है। इसके साथ ही हाल ही में DRDO गेस्ट हाउस के मैनेजर के पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार होने के मामले ने सीमा सुरक्षा की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
ड्रोन मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियां और स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर आ गए हैं। बीएसएफ ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें। केंद्र सरकार इस मामले की गंभीरता से समीक्षा कर रही है और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाने को तैयार है। जैसलमेर सीमा पर सुरक्षा बल लगातार गश्त बढ़ाकर संभावित खतरों को रोकने में लगे हुए हैं।
यह मामला सीमा सुरक्षा की मजबूती और खुफिया निगरानी की जरूरत को रेखांकित करता है, खासकर ऐसे संवेदनशील समय पर जब देश स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में व्यस्त है।