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ईरान पर यूएन का नया प्रतिबंध, हथियार और विदेशी संपत्तियों पर पाबंदी लागू

ईरान पर यूएन का नया प्रतिबंध, हथियार और विदेशी संपत्तियों पर पाबंदी लागू

संयुक्त राष्ट्र ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। इसमें हथियार, विदेशी संपत्ति और बैलिस्टिक मिसाइल पर रोक शामिल है। इससे ईरानी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी और महंगाई व आर्थिक कठिनाइयां बढ़ेंगी।

UN Report: संयुक्त राष्ट्र ने ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को लेकर फिर से प्रतिबंध लगा दिए हैं। ये प्रतिबंध ऐसे समय में लागू किए गए हैं जब ईरान पहले से ही गहरी आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के फैसले के बाद ईरान में महंगाई और आर्थिक तंगी बढ़ने की आशंकाएं बढ़ गई हैं।

रूस और चीन के प्रयास विफल

संयुक्त राष्ट्र में ईरान पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया के दौरान रूस और चीन ने कूटनीतिक प्रयास किए ताकि ये प्रतिबंध रोक दिए जाएं। लेकिन अंतिम क्षण तक किए गए ये प्रयास सफल नहीं हो सके। इसके बाद यूएन ने ईरान पर नए प्रतिबंधों को लागू कर दिया। अब ईरान को कई प्रकार की कड़ी पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। इन प्रतिबंधों में विदेशी संपत्तियों पर रोक, हथियार सौदों पर पाबंदी और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर सजा शामिल है।

ईरान की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

देश की अर्थव्यवस्था पहले ही चरमरा रही है। ईरानी मुद्रा ‘रियाल’ ऐतिहासिक रूप से निम्नतम स्तर पर पहुंच चुकी है। खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और आम लोगों के लिए जीवन कठिन होता जा रहा है। नए प्रतिबंध लागू होने के बाद इन मुश्किलों में और इजाफा होने की संभावना है।

तेहरान के निवासी सिना ने बताया कि देश ने इससे पहले इतनी कठिन आर्थिक स्थिति कभी नहीं देखी, यहां तक कि 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध और उसके बाद लगाए गए प्रतिबंधों के दौरान भी हालात इतने गंभीर नहीं थे।

आम जनता पर असर

ईरान में आम जनता पर आर्थिक दबाव तेजी से बढ़ रहा है। सिना ने कहा, “हम लगातार आर्थिक तंगी में जी रहे हैं और हर साल हालात और खराब होते जा रहे हैं। हमारे सपने बिखरते जा रहे हैं।”

तेहरान की किराना दुकान की दुकानदार सिमा तगहावी ने बताया कि रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं जैसे पनीर, दूध और मक्खन की कीमतें हर दिन बढ़ रही हैं। हाल ही में हुए युद्ध और वैश्विक परिस्थितियों के कारण इनकी कीमतें और बढ़ गई हैं। मांस गरीब परिवारों की पहुंच से बाहर हो चुका है।

मुद्रा स्फीति ने बढ़ाई मुश्किलें

सरकारी आंकड़ों के अनुसार जून में ईरान की वार्षिक मुद्रास्फीति दर 34.5% तक पहुंच गई। वहीं, आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 50% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। बीन्स की कीमत एक साल में तीन गुना बढ़ गई, मक्खन लगभग दोगुना महंगा हो गया और देश का प्रमुख खाद्य पदार्थ चावल औसतन 80% से ज्यादा महंगा हो गया है।

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